Independence Day 2023 : ध्वजारोहण और तिरंगा फहराने में क्या अंतर है?, ऐसे होगी पहचान
Indian Flag : स्वतंत्रता दिवस पर को नीचे से रस्सी के जरिए खींचकर झंडे को ऊपर की तरफ फहराया जाता है, तो इसे ध्वजारोहण कहते हैं.
Flag Hoisting And Tricolor Hoisting : भारत इस वर्ष 15 अगस्त को अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा. इस राष्ट्रीय पर्व को मनाने के लिए जोरों-शोरों से तैयारी चल रही है. स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस दोनों में तिरंगे झंडे का बहुत महत्व है, इसके बिना हम इन दिवस को सेलिब्रेट करने की कल्पना भी नहीं कर सकते. तिंरगा देश की आन-बान- और शान है. लेकिन क्या आप जानते हैं? स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराया और गणतंत्र दिवस पर तिरंगे को फहराना क्यों कहा जाता है? और इनमें मुख्य अंतर क्या है? आज हम इसके बारे में आपको विस्तार से बताएंगे.
ध्वजारोहण और तिरंगा फहराने में अंतर
देश में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है. वहीं गणतंत्र दिवस पर तिरंगे को फहराना होता है. इसका मुख्य अंतर है 15 अगस्त को प्रधानमंत्री लाल किले पर ध्वजारोहण करते हैं और 26 जनवरी पर राष्ट्रपति राजपथ पर झंडा फहराते हैं. स्वतंत्रता दिवस पर को नीचे से रस्सी के जरिए खींचकर झंडे को ऊपर की तरफ फहराया जाता है, तो इसे ध्वजारोहण कहते हैं. वहीं गणतंत्र दिवस पर झंडा ऊपर बंधा रहता है उसको खोलकर फहराया जाता है, इसे झंडा फहराना कहते हैं.
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति में अंतर
स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) को देश के प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं. वहीं गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं. बता दें 1950 से पहले प्रधानमंत्री राज्य के मुखिया हुआ करते थे. इसलिए 15 अगस्त को पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू ध्वजारोहण करते थे. फिर 1950 में संविधान लागू हुआ और भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने पहली बार तिरंगा फहराया. बता दें इस वर्ष भी केंद्र सरकार हर घर तिरंगा अभियान का आयोजन कर रही है. जिसके लिए पोस्ट ऑफिस को हर किसी तक झंडा पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.