Independence Day: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बार काउंसिल को किया संबोधित, संविधान और सरकारी संस्थाओं पर क्या कहा?
77th Independence Day: 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बार काउंसिल को संबोधित करते हुए कहा कि न्यायपालिका का काम है कि वह सुनिश्चित करे कि सरकारी संस्थाएं संविधान के दायरे में काम करें.
Independence Day 2023: आजादी की वर्षगांठ के मौके पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बार काउंसिल को संबोधित किया. इस दौरान सीजेआई ने कहा, “यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है कि हम इस तथ्य को मानें कि सुप्रीम कोर्ट बार देश की प्रधान बार होने के नाते कानून के शासन की रक्षा के लिए है. हमारे संविधान में न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका की परिकल्पना है कि वो संवैधानिक दायरो में शासन के संस्थानों के काम करने को सुनिश्चित करे.” डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप सभी वकीलों के बिना और आपकी निर्भिकता, आपकी आजादी के बिना हम जज कुछ भी नहीं हैं.”
चीफ जस्टिस ने कहा, “अगर मुझे बार के किसी सदस्य की ओर से साधारण मामलों की सुनवाई के लिए आवेदन आता है, तो भी मैं सुनवाई को काफी गंभीरता से लेता हूं, सही बेंच सुनवाई के लिए चुनता हूं. सुनवाई का परिणाम कुछ भी हो, मायने ये रखता है कि हमारे नागरिकों के पास न्याय तक पहुंच हो.”
#WATCH | CJI DY Chandradhud at Independence Day program, says, "It is important for us to recognize the fact that the Supreme Court Bar, as the leading bar of the country, stands for the protection of the rule of law....Our Constitution envisages an important role for the… pic.twitter.com/cGOoCqADcv
— ANI (@ANI) August 15, 2023
उन्होंने कहा, “इससे नागरिकों में विश्वास पैदा होता है. वो जिसे मनमाने ढंग से गिरफ्तार किया गया है. जिन्हें बुलडोज़र की धमकी दी जाए, गैर कानूनी तरीके से किसी की संपत्ति अटैच की जाए, उस शख़्स के लिए ये ज़रूरी है कि उसे न्याय व्यवस्था के जरिए आवाज उठाने का मौका मिले.”
लोकतंत्र के तीन स्तंभों का जिक्र करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “बीते 76 सालों में हर संस्था ने देश को मजबूत करने का काम किया है. विधायिका, कार्यपालिका और न्यापालिका तीनों ने ही एक काम में साझा योगदान दिया है और वो है राष्ट्र निर्माण का काम.” सीजेआई ने कहा, देश के संविधान में न्यायपालिका के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका तय की गई है. जिसके तहत न्यायपालिका को ये सुनिश्चित करना है कि सरकारी संस्थाएं संविधान के दायरे में काम करें.