मो. यूनुस का फैसला, अब भारत के स्वतंत्रता दिवस के दिन बांग्लादेश में नहीं होगा शोक

Independence Day 2024: जब भारत अपनी आजादी का उत्सव मनाता है तो पड़ोसी बांग्लादेश में शोक होता है. हालांकि, वहां तख्तापलट के बाद बनी अंतरिम सरकार ने इसे भी अब पलट दिया है. ये फैसला मो. यूनुस ने लिया है. यानी कि अब भारत की आजादी के रोज बांग्लादेश में शोक नहीं होगा. आइये जानें आखिर बांग्लादेश में 15 अगस्त को शोक क्यों मनाया जाता था.

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Independence Day 2024: आज भारत में आजादी का उत्सव मनाया जा रहा है. साल 1947 से 15 अगस्त भारत के लिए खास है. इस दिन देशभर में कई तरह के आयोजन होते हैं. प्रधानमंत्री का लाल किले से संबोधन होता है. लेकिन, क्या आपको पता है भारत के स्वतंत्रता दिवस के मौके यानी 15 अगस्त पर पड़ोसा बांग्लादेश मेें शोक मनाया जाता है. इसके पीछे उनका इतिहास जुड़ा है. हालांकि, शेख हसीना का तख्तापलट होने के बाद बनी नई अंतरिम सरकार ने ये प्रथा बदल दी है. यानी अब बांग्लादेश में न तो 15 अगस्त को शोक दिवस होगा और न ही इस दिन छुट्टी रहेगी. आइये जानें क्या है इतिहास?

बांग्लादेश में पहली बार शेख हसीना की सरकार बनने के बाद से ही 15 अगस्त को शोक दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है. हालांकि, इतिहास में आई अन्य सरकारों ने इस फैसले को बदला है. फिर जब शेख हसीनों कुर्सी पर लौटीं तो उन्होंने 15 अगस्त को छुट्टी घोषित कर दी और शोक दिवस मनाने का ऐलान किया. हालांकि, अब एक बार फिर अंतरिम सरकार ने इस फैसले को पलट दिया है. इसकी संभावना पहले से ही जताई जा रही थी.

क्या है कारण?

बांग्लादेश के संस्थापक नेता और पूर्व प्रधानमंत्री शेख मुजीब-उर-रहमान की हत्या 15 अगस्त को ही की गई थी. 1971 में पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश एक नया देश बना. इसके करीब 4 साल बाद, 15 अगस्त 1975 को मुजीब-उर-रहमान की हत्या कर दी गई. इस संहार में उनके समेत परिवार के कुल 8 लोग मारे गए थे. ये हमला बांग्लादेशी सेना की एक टुकड़ी ने किया था. हालांकि, शेख हसीना और उनकी बहन विदेश में होने के कारण बच गईं थी.

जब शेख हसीना देश लौटीं और आवामी लीक की कमान हाथों में लेकर प्रधानमंत्री बनी तो उन्होंने 15 अगस्त के रोज शोक दिवस मनाने का ऐलान किया. उन्होंने मुजीब-उर-रहमान के बलिदान के दिन देश में छुट्टी का ऐलान कर दिया. हालांकि, कुछ लोग पहले भी इसके खिलाफ थे.

मोहम्मद यूनुस ने बदली परंपरा

बांग्लादेश की परंपरा में 15 अगस्त को मनाए जानें शोक दिवस और छुट्टी की परंपरा को मो. यूनुस की अंतरिम सरकार ने बदल दिया है. इससे पहले की सरकारों ने भी इस फैसले को समय-समय पर बदला था. हालांकि, जब-जब शेख हसीना सत्ता में रही उन्होंने 15 अगस्त को शोक दिवस मनाया. बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने के साथ ही 15 अगस्त की परंपरा बदलने की मांग हो रही थी. इसे लेकर 14 अगस्त को ही मो. यूनुस ने फैसला लिया.

शेख हसीना ने की अपील

शोक दिवस की छुट्टी खत्म करने के फैसले के बाद शेख हसीना का बयान सामने आया है. उन्होंने अपने बेटे के जरिए देश के नाम संदेश दिया है. इसमें उन्होंने देश के लोगों से कहा कि मैं आपसे अपील करती हूं कि 15 अगस्त को पूरी श्रद्धा और गरिमा के साथ शोक दिवस मनाएं. बंगबंधु भवन जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करें. इससे हमारे देश के लिए जान देने वालों को शांति मिलेगी. First Updated : Thursday, 15 August 2024