'न्यायपालिका की स्वतंत्रता हमेशा सरकार के खिलाफ फैसले देना नहीं'-CJI डी वाई चंद्रचूड़

DY Chandrachud: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कई ऐसे प्रेशर ग्रुप काम करते हैं जो ऐसा माहौल बनाते हैं कि यदि फैसला उनके अनुकूल आए, तभी माना जाएगा कि न्यायपालिका स्वतंत्र रूप से काम कर रही है. अगर फैसला उनके मन माफिक नहीं आए तो न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं मानी जाएगी.

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Edited By: JBT Desk

DY Chandrachud: सोमवार को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता का मतलब हमेशा सरकार के खिलाफ फैसले देना नहीं है. इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के एक कार्यक्रम में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि कुछ प्रेशर ग्रुप हैं जो मीडिया का उपयोग करके अदालतों पर दबाव डालते हैं और अपने अनुकूल फैसले लेने की कोशिश करते हैं

चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ का कहना है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता का मतलब हमेशा सरकार के खिलाफ फैसला सुनाना नहीं है. कुछ प्रेशर डालने वाले ग्रुप इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का इस्तेमाल करके अदालतों पर दबाव डालकर अपने पक्ष में फैसला सुनाने की कोशिश कर रहे हैं. 

चुनावी बॉन्ड को रद्द किया तब स्वतंत्र कहा गया- CJI

सीजेआई ने प्रेशर ग्रुप के दबाव को लेकर कहा, ‘अगर आप मेरे पक्ष में फैसला नहीं करते हैं, तो आप स्वतंत्र नहीं हैं’, यही मेरी आपत्ति है. स्वतंत्र होने के लिए एक जज के पास यह स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वह अपने विवेक के अनुसार निर्णय ले सके, बेशक वह विवेक जो कानून और संविधान द्वारा निर्देशित हो.’ चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्हें स्वतंत्र तब कहा गया जब उन्होंने सरकार के खिलाफ फैसला सुनाया और चुनावी बॉन्ड को रद्द कर दिया.

सीजेआई ने कहा, ‘जब आप चुनावी बॉन्ड पर फैसला करते हैं तो आप बहुत स्वतंत्र होते हैं, लेकिन अगर फैसला सरकार के पक्ष में जाता है, तो आप स्वतंत्र नहीं होते. यह मेरी स्वतंत्रता की परिभाषा नहीं है.’ उन्होंने कहा कि जजों को मामलों पर फैसला करने की छूट दी जानी चाहिए.

पीएमओ में जाने को लेकर भी सीजेआई ने की बात

वहीं, उन्होंने गणपति पूजा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक आवास पीएमओ पर जाने को लेकर भी तस्वीर साफ की. उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं था. इस तरह के मामलों पर राजनीतिक गलियारों में परिपक्वता की भावना की आवश्यकता है. दरअसल, सीजेआई के पीएमओ में जाने को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व में कई विपक्षी पार्टियों और वकीलों ने सवाल उठाए थे.

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05 November 2024, 09:05 AM IST

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