BJP vs INDIA Alliance Year Ender 2023: 2024 के लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही भारत का राजनीतिक परिदृश्य एक महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रहा है. विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' (भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन) संघ स्थापित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को चुनौती देने के लिए कमर कस रहा है. एक तरफ इंडिया ब्लॉक प्रमुख चुनौतियों को हल करने के लिए संघर्ष कर रहा है, जिसमें सीट-बंटवारे की व्यवस्था को अंतिम रूप देना और सबसे महत्वपूर्ण रूप से पीएम चेहरे पर निर्णय लेना शामिल है, जबकि भाजपा ने 2023 में आम चुनावों में जीत हासिल करने के लिए बनाई गई रणनीतियों को जमीन पर लागू करना शुरू कर दिया है.
भारत का राजनीतिक परिदृश्य में 2024 के चुनावों को लेकर एक गहन परिवर्तन का अनुभव कर रहा है. मौजूदा यूपीए का संशोधित संस्करण, इंडिया गठबंधन का उदय, एनडीए की स्थायी सर्वोच्चता के लिए एक बड़ी चुनौती है. बदलते गठबंधनों, वोट प्रतिशत में बदलाव और सीट आवंटन में उतार-चढ़ाव की विशेषता वाला यह परिवर्तन, भारत के चुनावी परिदृश्य की गतिशील और अप्रत्याशित प्रकृति को उजागर करता है.
गौरतलब है कि अब तक 'इंडिया' गठबंधन की चार बैठकें हो चुकी हैं. संयुक्त विपक्ष की पहली बैठक 23 जून को पटना में और दूसरी बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई. तीसरी बैठक 31 अगस्त-1 सितंबर को मुंबई में हुई और चौथी बैठक 19 दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई. इंडिया गठबंधन की पार्टियां 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ एकजुट चुनौती पेश करना चाहती हैं. 28 पार्टियों ने चौथी बैठक में भाग लिया और गठबंधन की समिति के समक्ष अपने विचार रखे.
विपक्षी गठबंधन को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, उनमें सीट-बंटवारे और प्रधानमंत्री के चेहरे पर सहमति को अंतिम रूप देना शामिल है. गुट के लिए कांग्रेस की केंद्रीय भूमिका का अनजाने में ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने समर्थन किया, जब उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का प्रस्ताव इंडिया गठबंधन के पीएम चेहरे के रूप में रखा. लेकिन खड़गे ने कहा कि पीएम चेहरे का सवाल लोकसभा चुनावों के बाद तय किया जा सकता है. चूंकि 2024 के लोकसभा चुनाव सिर्फ चार महीने दूर हैं, इसलिए सीटों का बंटवारा इंडिया गठबंधन के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है. First Updated : Sunday, 31 December 2023