India China Border Dispute: भारत और चाइना के बीच सीमा पर तनाव कोई नई बात नहीं है. काफी समय से दोनों देशों के बीच ये मसला चला आ रहा है. इसे सुलझाने के लिए कई स्तर की बात भी हो चुकी है. हालांकि, ये मुकाम तक नहीं पहुंच पाई. ऐसे में अब विदेश मंत्री एस जयशंकर और सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के दो अलग-अलग बयान आए हैं. जिसमें ये कहा गया है कि दोनों देशों के बीच सीमा पर सुरक्षाबलों की तैनाती को लेकर चल रही विवाद 75 फीसदी तक सुलझ गया है. अब दोनों देश इस मामले को आगे सुलझाने के लिए भी बात कर रहे हैं.
बता दें भारत और चीन के बीच सीमा विवाद काफी पुराना मुद्दा है. लेकिन, गलवाल में हुई घटना के बाद सीमा पर तनाव का माहौल बन गया था. चीन की सेना लगातार आगे बढी है. इसके साथ ही वो अन्य सीमाओं पर निर्माण कर रही है. हालांकि, इस बीच में दोनों देशों के साथ कई स्तर में बात भी हुई है.
सेंट पीटर्सबर्ग में 12 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सुरक्षा मामलों ब्रिक्स के उच्च-स्तरीय अधिकारियों की बैठक में भाग लिया. बैठक में भारत-चीन संबंधों को स्थिर और बेहतर बनाने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई. विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों ने विवादित क्षेत्रों में पूर्ण रूप से डिसएंगेजमेंट के लिए तेजी से काम करने और अपने प्रयासों को दोगुना करने पर सहमति जताई है.
सेंट पीटर्सबर्ग में डोभाल ने कहा कि शांति और एलएसी का सम्मान संबंध सामान्य करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. दोनों पक्षों को पूर्व में हुए द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और दोनों सरकारों के बीच हुई समझ को पूरी तरह से पालन करना चाहिए. दोनों पक्षों ने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की और सहमति व्यक्त की कि भारत-चीन संबंध दोनों देशों और विश्व के लिए महत्वपूर्ण हैं.
भारतीय और चीनी राजनयिकों ने भी पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास चल रहे सैन्य गतिरोध को हल करने के लिए हुई बातचीत में कुछ प्रगति के संकेत दिए हैं. अब दो सप्ताह बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि चीन के साथ लगभग 75 प्रतिशत समस्याओं को सुलझा लिया गया है लेकिन बड़ा मुद्दा सीमा पर बढ़ता सैन्यीकरण है. यह पहली बार है जब विदेश मंत्री ने वार्ताओं की प्रगति और अभी भी कौन से मसले हल होने बाकी हैं, इसका खुलासा किया है. First Updated : Friday, 13 September 2024