रंग लाई मोदी सरकार की कूटनीति, पूर्वी लद्दाख में 4 जगह से ड्रैगन ने पीछे खींचे पांव!

India China Relations:भारत-चीन विवाद 75 फीसदी सुलझाने का दावा करने के बाद चीनी सरकार का एक कबूलनामा सामने आया है. चीन के इस कबूलनामा में भारत सरकार की कूटनीति का असर देखने को मिला है. चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी सहित चार स्थानों पर सैनिकों की वापसी हुई है.

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India China Border: जयशंकर ने कहा था कि चीन के साथ ‘‘सैनिकों की वापसी से जुड़ी समस्याओं’’ का लगभग 75 प्रतिशत समाधान हो गया है, लेकिन बड़ा मुद्दा सीमा पर बढ़ता सैन्यीकरण है. इस बीच चीनी विदेश मंत्रालय का एक बयान सामने आया है. चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन ने रूस में अपनी बैठक के दौरान द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के वास्ते माहौल बनाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की है.

चीनी विदेश मंत्रालय का यह बयान NSA अजीत डोभाल की चीनी विदेश मंत्री वांग यी से रूस में मुलाकात के बाद आया है. चीन भारत के साथ संबंधों में सुधार के लिए स्थितियां बनाने हेतु मिलकर काम करने पर अपनी सहमति जताई है.

भारत -चीन में बनी सहमति

चीनी विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने गुरुवार को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में सुरक्षा मामलों के लिए जिम्मेदार ब्रिक्स के उच्च पदस्थ अधिकारियों की बैठक के मौके पर बातचीत की. इस दौरान जहां उन्होंने सीमा मुद्दों पर हालिया परामर्श में हुई प्रगति पर चर्चा की. यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों देश पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण चार साल से अधिक समय से जमे द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक सफलता के करीब हैं. इस पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि दोनों सेनाओं ने चार क्षेत्रों में वापसी को महसूस किया है और सीमा पर स्थिति स्थिर है.

पूर्वी लद्दाख में 4 जगह से पीछे हटा 'ड्रैगन'

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ ने कहा, "हाल के वर्षों में, दोनों देशों की अग्रिम पंक्ति की सेनाओं ने चीन-भारत सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में चार क्षेत्रों में वापसी की है, जिसमें गलवान घाटी भी शामिल है. चीन-भारत सीमा पर स्थिति आम तौर पर स्थिर और नियंत्रण में है. चीन का ये बयान भारत के विदेश मंत्री के उस बयान के बाद सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन के साथ "विघटन की समस्याओं" का लगभग 75 प्रतिशत समाधान हो चुका है, लेकिन बड़ा मुद्दा सीमा पर सैन्यीकरण का बढ़ना है.

एस जयशंकर ने चीन को लेकर किया था ये दावा

भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस समय जेनेवा पहुंचे हुए हैं. वहां उन्होंने एक सवाल के जवाब में भारत-चीन के बीच सीमा विवाद पर जानकारी दी थी. इस दौरान उन्होंने दावा किया था कि चीन के साथ सीमा पर सैनिकों की वापसी से जुड़ी समस्याएं 75 फीसदी हल हो चुकी है, लेकिन सीमा पर बढ़ता सैन्यकरण अब भी एक बड़ा मुद्दा है.

मई 2020 से सीमा पर हो रही टकराव

बता दें कि, मई 2020 से लगातार चीन-भारत के बीच सीमा विवाद देखने को मिला है. अभी तक दोनों सेनाओं के बीच सीमा विवाद का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है. हालांकि दोनों देशों की सेनाएं LAC के कई पॉइंट्स से अलग हो गई है. स्विट्जरलैंड के शहर जिनेवा में एक समिट के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि 2020 में चीन और भारत के बीच गलवान में हुई झड़प ने दोनों देश के रिश्तों को बुरी तरह प्रभावित किया है.

First Updated : Saturday, 14 September 2024