मंकीपॉक्स से लड़ने के लिए भारत तैयार, RT-PCR किट डेवलप, 40 मिनट में देगी रिजल्ट
Monkeypox Detection RT-PCR: दुनियाभर में कई ऐसे देश हैं जो मंकीपॉक्स जैसी घायत बीमारी से जूझ रहे हैं, इस बीमारी के अब तक कई लोगों को अपनी जान गबानी पड़ी है. मंकीपॉक्स जानवरों से इंसानों में फैलता था, लेकिन अब ये इंसानों से इंसानों में भी फैल रहा है. इस बीमारी के ईलाज को लेकर भारत ने नई की किट तैयार कर ली है जिसका नाम RT-PCR है.
Monkeypox Detection RT-PCR: मध्य और पूर्वी अफ़्रीका में संक्रामक मंकी पॉक्स के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं. वहीं अफ़्रीका से बाहर एमपॉक्स का पहला मामला दर्ज किया गया है. इसे देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है.एमपॉक्स कोविड या H1N1 इन्फ्लूएंजा की तरह हवा से फैलने वाली बीमारी नहीं है. संक्रमित व्यक्ति से आमने-सामने संपर्क, सीधे त्वचा से त्वचा का संपर्क, यौन संबंध, बिस्तर और कपड़ों को छूना, सुरक्षा मानकों का पालन न करना आदि मामलों में संक्रमण का जोखिम ज्यादा होता है.
एमपॉक्स कोविड या H1N1 इन्फ्लूएंजा की तरह हवा से फैलने वाली बीमारी नहीं है. संक्रमित व्यक्ति से आमने-सामने संपर्क, सीधे त्वचा से त्वचा का संपर्क, यौन संबंध, बिस्तर और कपड़ों को छूना, सुरक्षा मानकों का पालन न करना आदि मामलों में संक्रमण का जोखिम अधिक होता है. इसी को लेकर एक नई टेस्ट किट तैयार की गई है. जो लोगों को इस बीमारी से लड़ने में मदद करेगा.
15 दिनों के अंदर तैयार की किट
ग्लोबर हेल्थ इमरजेंसी घोषित होने के 15 दिनों के भीतर भारत ने इस बीमारी की जांच के लिए RT-PCR किट को विकसित कर लिया है. जिसका नाम IMDX Monkeypox Detection RT-PCR Assay रखा गया है. आपको बता दें इस किट को सीमेंस हेल्थीनीयर्स ने बनाया हुआ है. ये लोगों को इस बीमारी से बचाने में काफी मदद करेगा.
ICMR की तरफ से मिली मान्यता
ये किट मंकीपॉक्स टेस्ट रिजल्ट को महज 40 मिनट में दे देगा. वहीं इस किट को पुणे के ICMR-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की तरफ से क्लीनिकल मान्यता भी मिल चुकी है. इसके अलावा सेंट्रल प्रोटेक्शन ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेश (CDSCO) की तरफ से बनाने की मंजूरी भी मिल चुकी है. इस किट से जल्दी नतीजे मिलने की वजह से इस बीमारी के इलाज में तेजी आएगी. इसके अलावा ये ग्लोबल स्टैंडर्ड के मुताबिक बनाई गई है.