Independence Day Special: आज़ादी के बाद भारत ने लड़े पांच युद्ध, जानिए कौन कौन से देश थे शामिल?
Independence Day Special: भारत ने आज़ादी के बाद भी कई देशों से जंग लड़ी. जिसमें कामयाबी भी हासिल हुई. आज आपको बताएंगे भारत के उन पांच युद्ध के बारे में जो आज़ादी के बाद हुए.
Independence Day Special: भारत अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इन सालों में भारत ने अनेकों बार संकट का सामना किया, लेकिन हर बार उससे उबर गया. आज भारत हर क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष देशों को टक्कर दे रहा है. भारत की राष्ट्रीय नीति हमेशा गैर-टकराव वाली रही है और बातचीत और वार्ता के माध्यम से कूटनीतिक रूप से मुद्दों को हल करने पर जोर दिया गया है.
भारत ने राष्ट्रीय हित और अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए कठोर शक्ति के प्रयोग से भी परहेज नहीं किया. भारत को पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान द्वारा कई बड़े संघर्षों में घसीटा है. 1947-48 में जम्मू-कश्मीर, 1962 में चीन, 1965 में भारत-पाक युद्ध, 1971 में बांग्लादेश की मुक्ति और 1999 में कारगिल युद्ध.
1947-48 में जम्मू-कश्मीर
आज़ादी के दो महीने बाद, भारतीय सेना देश की सुरक्षा की रक्षा के लिए लड़ने वाले कई युद्धों और संघर्षों में से पहले में शामिल थी. 22 अक्टूबर, 1947 को, पश्तूनों ने जम्मू और कश्मीर रियासत में घुस आये और झेलम घाटी के साथ तेजी से आगे बढ़े. इन हमलावरों को रोकने में असमर्थ महाराजा हरि सिंह ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए और भारतीय सेना की पहली इकाई को 27 अक्टूबर को श्रीनगर पहुंच गई. एक हफ्ते के अंदर उरी तक के इलाकों को कब्ज़े में लिया गया. कश्मीर घाटी पूरी तरह से भारत के नियंत्रण में आ गई. इसके बाद पुंछ और जोज़ी ला, लेह में भी भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस के सामने घुसपैठियों ने घुटने टेक दिए.
1962 में भारत-चीन युद्ध
20 अक्टूबर, 1962 को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने भारत पर हमला किया था. भारत इस युद्ध के लिए तैयार नहीं था और इसका खामियाजा भुगतना पड़ा. दरअसल, 1962 के चीनी हमले में चीनी सेना भारतीय सेना से दोगुनी संख्या में थी और उनके पास बेहतर हथियार थे और लड़ाई के लिए पूरी तरह तैयार थे. तकरीबन एक महीने चले इस युद्ध में भारत के 1 हजार 383 सैनिक शहीद हुए. वहीं, चीन के 722 सैनिक मारे गये थे. 20 नवंबर को, चीन ने युद्धविराम की घोषणा की और विवादित क्षेत्र से हटने पर भी सहमति जताई. इसके बाद 21 नवंबर 1962 को युद्ध ख़त्म हो गया.
1965 में भारत-पाक युद्ध
1965 के भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध को इतिहास में वो जगह नहीं मिलती है जो शायद 1962 के भारत-चीन युद्ध या 1971 के बांगलादेश युद्ध की है. भारत-पाक युद्ध 5 अगस्त 1965 को शुरू हुआ था. इसकी शुरुआत पाकिस्तान ने की थी जब 5 अगस्त को 26 हजार से 33 हजार के बीच पाकिस्तानी सैनिक स्थानीय लोगों के वेश में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के भारतीय हिस्से में गश्त करना शुरू दिया. 28 अगस्त को भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर हाजी पीर और अन्य पोस्ट पर कब्ज़ा जमा लिया. पाकिस्तान ने 1 सितंबर को ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम लॉन्च करके बढ़त बना ली जिसके जवाब में भारतीय सेना ने 6 सितंबर को लाहौर और सियालकोट को निशाना बनाकर बड़े हमले किये. आख़िरकार, 22 सितंबर, 1965 को संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप के बाद दोनों देशों ने युद्ध-विराम की घोषणा कर दी.
1971 में भारत-पाक युद्ध
1971 का युद्ध भारतीय सेना का सबसे बड़ा और सफलत ऑपरेशन था, जिसमें दो हफ़्तों में बांग्लादेश को आज़ाद करा लिया गया और 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बना लिया गया था. 1971 की लड़ाई भारतीय सेना के अदम्य साहस और शौर्य की ऐसी कहानी है जो हमेशा ही आनेवाली पीढियों को प्रेरित करते रहेगी.16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और भारत के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए. साथ ही दुनिया के नक़्शे पर एक नए देश बांग्लादेश का जन्म हुआ.
1999 में कारगिल युद्ध
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ''पाकिस्तान के सैनिकों ने कारगिल में अपने ठिकाने बनाए थे. 8 मई, 1999 को पाकिस्तानी सैनिक कारगिल की आजम चौकी पर बैठे थे. इनके साथ 6 नॉर्दर्न लाइट इंफैंट्री के कैप्टन इफ्तेखार और लांस हवलदार अब्दुल हकीम भी शामिल थे. उन्होंने देखा कि कुछ भारतीय चरवाहे अपने भेड़-बकरियों को चरा रहे हैं. उन्हें देखकर पाकिस्तानी सैनिकों ने सोचा कि उन्हें बंदी बना लिया जाए, लेकिन तभी उन्हें ख्याल आया कि अगर इन्हें बंदी बनाया तो चरवाहे उनका राशन खा जाएंगे तो वे क्या खाएंगे इसलिए उन्होंने चरवाहों को जाने दिया.'' इसके बाद वही चरवाहे भारतीय फौजियों के साथ वापस आए.
26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी. इस दिन को हर साल विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है. करीब दो महीने तक चला कारगिल युद्ध भारतीय फौज के साहस और जाँबाजी का ऐसा उदाहरण है जिस पर हर भारतीय देशवासी को गर्व होना चाहिए.