भारत ने बढ़ाए लेजर एंटी-ड्रोन सिस्टम, अब पाकिस्तान-चीन से घुसपैठ और तस्करी पर लगेगा तगड़ा पहरा!
भारत की सेना अब अपनी सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए नए एंटी-ड्रोन सिस्टम खरीदने जा रही है. खासकर पाकिस्तान और चीन सीमा पर बढ़ते ड्रोन खतरों से निपटने के लिए ये कदम उठाया जा रहा है. ये लेजर बेस्ड सिस्टम दुश्मन के ड्रोन को हवा में ही नष्ट करने में सक्षम है. जानें कैसे ये नई तकनीक घुसपैठ और तस्करी को रोकने में मदद करेगी!

Laser Anti-Drone Technology: भारत के पश्चिमी मोर्चे पर पाकिस्तान से बढ़ते ड्रोन खतरों से निपटने के लिए भारतीय सेना ने एक नई रणनीति बनाई है. हाल ही में पाकिस्तान की सेना के ड्रोन को नष्ट करने में सफलता मिलने के बाद, भारतीय सेना ने तय किया है कि वह नौ और लेजर आधारित एंटी-ड्रोन सिस्टम खरीदने की योजना बना रही है. ये कदम खासकर पाकिस्तान और चीन सीमा पर घुसपैठ और तस्करी को रोकने के लिए उठाया गया है.
पाकिस्तान सीमा पर ड्रोन का खतरा: भारत की तैयारी
भारतीय सेना पहले ही डीआरडीओ द्वारा विकसित किए गए सात इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम पाकिस्तान सीमा पर तैनात कर चुकी है. इन सिस्टम्स के जरिए पाकिस्तान के ड्रोन की पहचान और उन्हें नष्ट करने का काम तेजी से किया जा रहा है. हाल में जम्मू क्षेत्र में सेना की एयर डिफेंस यूनिट ने लेजर आधारित एंटी-ड्रोन सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तानी ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया. यह काम भारत की तकनीकी और रणनीतिक तैयारी को साबित करता है.
चीन से आ रहे ड्रोन: तस्करी और घुसपैठ का खतरा
पाकिस्तान से आने वाले ये ड्रोन चीन के बने हुए होते हैं. इन ड्रोन का इस्तेमाल सिर्फ निगरानी के लिए ही नहीं, बल्कि हथियारों और नशीली दवाओं की तस्करी के लिए भी किया जाता है. ये ड्रोन जम्मू और कश्मीर के सीमा क्षेत्रों में घुसपैठ करने की कोशिश करते हैं, जिससे सुरक्षा में खतरें बढ़ जाते हैं.
भारत का लेजर आधारित एंटी-ड्रोन सिस्टम: दुश्मन के ड्रोन को गिराने की क्षमता
भारत अब लेजर आधारित एंटी-ड्रोन सिस्टम की संख्या बढ़ा रहा है, जिसे रक्षा मंत्रालय द्वारा स्वीकृत आपातकालीन अधिग्रहण योजना के तहत खरीदा जाएगा. यह नया सिस्टम आतंकवाद और घुसपैठ से निपटने में काफी असरदार साबित होगा. यह सिस्टम 2 किलोवाट के लेजर बीम से लैस है जो दुश्मन के ड्रोन को 800 मीटर से लेकर एक किलोमीटर की दूरी से गिरा सकता है.
नए और शक्तिशाली सिस्टम की तैयारी: भारत की ताकत बढ़ेगी
भारत ने अब तक एक और शक्तिशाली 30 किलोवाट क्षमता का लेजर आधारित एंटी-ड्रोन सिस्टम भी तैयार किया है, जो बड़े ड्रोन, विमानों और क्रूज मिसाइलों को भी नष्ट करने में सक्षम होगा. यह सिस्टम अगले दो वर्षों में तैनाती के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएगा और भारतीय सेना की ताकत को और भी बढ़ा देगा.
भारत का दृढ़ संकल्प: सुरक्षा में कोई कमी नहीं
भारत ने यह साबित कर दिया है कि वह अपनी सीमा पर किसी भी प्रकार के खतरों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. इन नए एंटी-ड्रोन सिस्टम्स से पाकिस्तान और चीन द्वारा सीमा पार घुसपैठ और तस्करी पर कड़ा पहरा लगेगा. भारत की सेना इस तकनीक का इस्तेमाल कर न केवल अपनी सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि आतंकवाद और अन्य खतरों से भी निपटने में सक्षम होगी.
सुरक्षा में तकनीकी बढ़त
भारत की यह नई रणनीति सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम है. लेजर आधारित एंटी-ड्रोन सिस्टम्स के जरिए भारतीय सेना अब न केवल पाकिस्तान और चीन के ड्रोन का मुकाबला कर सकेगी, बल्कि सीमा पार घुसपैठ और तस्करी को भी रोक पाएगी. इस कदम से भारतीय सुरक्षा बलों को अपनी ताकत और क्षमता को और बढ़ाने का मौका मिलेगा.


