दुनिया हैरान, भारत ने बना लिया सबसे घातक लेजर हथियार, जानिए कैसे करता है काम

DRDO Tests New Laser System: भारत ने एक ऐसा घातक हथियार विकसित किया है जो दुनिया में सिर्फ चार देशों के पास है. यह हथियार दुश्मन के ड्रोन, मिसाइलों और जासूसी सेंसरों को तुरंत नष्ट करने की क्षमता रखता है. महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत ने सार्वजनिक रूप से यह परीक्षण करके दुनिया को अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है. यह लेज़र हथियार कैसे काम करता है? यह कितना अलग है? इसके बारे में जानें.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

भारत के हाथ में एक नया घातक हथियार आ गया है. यह हथियार इतना खतरनाक है कि यह ड्रोन, मिसाइल और दुश्मन के सेंसर को पल भर में नष्ट कर सकता है. डीआरडीओ ने हाल ही में इसका परीक्षण किया. भारत 30 किलोवाट लेजर आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार (डीईडब्ल्यू) एमके-II (ए) प्रणाली के परीक्षण के साथ चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है. कुछ ही देशों के पास यह लेज़र हथियार प्रणाली है. इस हथियार का निर्माण करने वाली डीआरडीओ ने आंध्र प्रदेश के कुरनूल स्थित नेशनल ओपन एयर रेंज में इसका परीक्षण किया है. अब तक केवल संयुक्त राज्य अमेरिका, इजरायल, रूस और चीन के पास ही ऐसे लेजर हथियार थे. भारत अब ऐसा हथियार विकसित करने वाला दुनिया का पांचवा देश बन गया है. यह लेज़र हथियार कैसे काम करता है? यह कितना अलग है? आइये इसके बारे में जानें.

इस लेजर हथियार की खासियत यह है कि दुश्मन को निर्णायक जवाब देने के लिए इसे किसी गोला-बारूद या रॉकेट की जरूरत नहीं होती, यह सिर्फ प्रकाश यानी किरणों के जरिए काम करता है. यह हथियार एक अलग प्रकार का है. डीआरडीओ का उच्च ऊर्जा प्रणाली केंद्र (सीएचईएसएस) लेजर प्रणालियों के डिजाइन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. देश के कुछ शैक्षणिक संस्थान और उद्योग भी इस लेजर हथियार के उत्पादन में लगे हुए हैं. जैसे ही लेजर हथियार की किरणें हवा में उड़ रहे ड्रोन पर पड़ीं, वह तुरंत नष्ट हो गया. शत्रु का सेंसर क्षतिग्रस्त हो गया, जो यह दर्शाता है कि परीक्षण सफल रहा.

इस लेज़र हथियार की क्या खासियत है?

आइये समझते हैं कि यह हथियार कैसे काम करता है. सबसे पहले, इस लेज़र हथियार में अंतर्निहित इलेक्ट्रो-ऑप्टिक (ईओ) प्रणाली लक्ष्य का पता लगाती है. इसके बाद डी.ई.डब्लू. प्रकाश की गति से उस लक्ष्य पर हमला करता है. इसके कारण मिसाइलें, लड़ाकू विमान और ड्रोन हवा में जल उठते हैं. चूंकि यह प्रकाश से हमला करता है, इसलिए सेना के लिए इसका उपयोग करना आसान है. यह हथियार एक साथ समूह में आने वाले ड्रोनों को नष्ट कर सकता है.

यह तो एक शुरूआत है.

जहां चुपचाप संचालन की आवश्यकता होती है, वहां लेजर प्रणालियां बहुत उपयोगी होती हैं. यह बिना कोई आवाज या धुआँ पैदा किये अपने लक्ष्य को नष्ट कर देता है. इससे युद्ध के मैदान में दुश्मन के ड्रोन को शीघ्रता से नष्ट करना संभव हो जाता है. भारत विभिन्न प्रकार की तकनीक का उपयोग करके घातक हथियार बना रहा है. डीआरडीओ के चेयरमैन समीर वी कामत ने कहा, "यह तो बस शुरुआत है. भारत अलग-अलग तरह की तकनीक पर काम कर रहा है. इससे उसे स्टार वार्स जैसी ताकत मिलेगी." डीआरडीओ चेयरमैन के बयान से एक बात तो साफ है कि भविष्य में भारतीय सशस्त्र बलों को ऐसे हथियार मिलेंगे, जिनसे दुश्मन थर-थर कांपेंगे. ये हथियार देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे.

यह शक्तिशाली काउंटर ड्रोन प्रणाली

डीआरडीओ ने एक बयान में कहा, "परीक्षण के दौरान, स्वदेशी एमके-II (ए) डीईडब्ल्यू प्रणाली ने एक लंबी दूरी के फिक्स्ड-विंग ड्रोन को निशाना बनाया और कई ड्रोन हमलों को विफल कर दिया. इसने दुश्मन के निगरानी सेंसर और एंटेना को नष्ट करके अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया. यह प्रकाश की गति, सटीकता और मारक क्षमता से कुछ सेकंड के भीतर लक्ष्य तक पहुंचने की क्षमता के कारण एक शक्तिशाली काउंटर ड्रोन प्रणाली है."

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15 April 2025, 02:10 PM IST

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