H1-B visa Controversy: हाल ही में दक्षिणपंथी कार्यकर्ता लॉरा लूमर ने श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि एच-1बी वीजा धारक योग्य अमेरिकियों से नौकरियां छीन रहे हैं. इस विवाद पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और व्यवसायी एलन मस्क ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और एच-1बी कार्यक्रम का समर्थन किया है.
भारत सरकार ने इस बढ़ते विरोध को गंभीरता से लिया है और अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए अमेरिकी नीति निर्माताओं के साथ बातचीत जारी रखी है. इसके साथ ही, भारत सरकार अमेरिकी फर्मों द्वारा भारत में वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC) स्थापित करने की बढ़ती प्रवृत्ति को भी उजागर कर रही है, जो भारतीय पेशेवरों की मांग को दर्शाता है.
एक सरकारी सूत्र ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि अमेरिका में काम कर रहे भारतीयों को किसी प्रकार की "अप्रिय समस्या" का सामना न करना पड़े. इस बारे में विदेश मंत्रालय, वाणिज्य विभाग और आईटी मंत्रालय लगातार स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं.
सूत्रों के अनुसार, आईटी मंत्रालय सॉफ्टवेयर कंपनियों और नैसकॉम जैसे उद्योग संघों के साथ मिलकर इस मामले पर जानकारी एकत्र कर रहा है. ताकि जमीनी स्तर पर स्थिति को समझा जा सके और भारतीय पेशेवरों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके.
अमेरिका में राजनीतिक बदलाव के साथ वीजा नीतियां भी बदल रही हैं. भारत सरकार इस बदलाव पर नजर बनाए हुए है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय पेशेवरों पर इसका नकारात्मक असर न पड़े.
भारत सरकार की कोशिश है कि वह अमेरिकी नीतियों के तहत भारतीय पेशेवरों के हितों की रक्षा करते हुए, उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा सके. साथ ही, भारत अमेरिका के साथ सहयोग बढ़ाकर इस मुद्दे का समाधान तलाशने में जुटा है. First Updated : Tuesday, 31 December 2024