India-Pakistan: अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत ने पाकिस्तान को दिखाई उसकी हैसियत

भारत ने यूएन में पाकिस्तान को लताड़ते हुए कहा कि वह अपना देखे, उसे हमारे आंतरिक मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. 

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India-Pakistan: हर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर कटोरा लेकर पहुंचने वाला पाकिस्तान भले ही भूखे प्यासे अपनी अंतिम सांसों की तरफ बढ़ रहा हो लेकिन उसने अभी भी कश्मीर का राग अलापना नहीं छोड़ा है. संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान ने एक बार फिर से कश्मीर का मुद्दा उठाया तो भारत ने हर बार की तरह इस बार भी उसका नकाब उतार कर फेंक दिया. भारत ने यूएन में पाकिस्तान को लताड़ते हुए कहा कि वह अपना देखे, उसे हमारे आंतरिक मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. 

भारत की तरफ से पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उसकी हैसियत दिखाने का काम किया है संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव पटेल गहलोत ने. पटेल ने पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकड़ के उस बयान का विरोध किया जिसमें उन्होंने दिल्ली और इस्लामाबाद में शांति के लिए कश्मीर का मुद्दा उठाया था. 

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र की आम बहस के दौरान काकड़ ने कहा कि पाकिस्तान, भारत सहित अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण और उपयोगी संबंध चाहता है. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान और भारत के बीच शांति के लिए कश्मीर अहम है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को कश्मीर पर अपने प्रस्तावों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना चाहिए.'

काकड़ के यूएन में दिए इसी बयान के बाद भारत की तरफ से पटेल गहलोत ने पाकिस्तान की पोल पट्टी खोल कर धर दी. पटेल ने कहा कि 'भारत के खिलाफ आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण प्रचार करने के लिए इस मंच का दुरुपयोग करने के मामले में पाकिस्तान एक आदतन अपराधी है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुपक्षीय संगठनों के सदस्य देश अच्छी तरह से जानते हैं कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान मानवाधिकार के मामलों में अपनी बदहाल स्थिति से हटाने के लिए ऐसा करता है'.

इस दौरान पटेल ने पाकिस्तान को पीओके खाली करने की भी हिदायत दे दी. उन्होंने कहा कि हम एक बार फिर दोहराते हैं कि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है। केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से संबंधित मामले पूरी तरह से भारत के आंतरिक मामले हैं। पाकिस्तान को हमारे घरेलू मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। दक्षिण एशिया में शांति स्थापित करने के लिए पाकिस्तान को 3 कदम उठाने होंगे। पहला, वह सीमा पार आतंकवाद को रोके। दूसरा, अवैध और जबरन कब्जे वाले भारतीय क्षेत्रों को खाली करे। और तीसरा, अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार हो रहे मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन को रोके।’

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिती और बदहाली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि  'पाकिस्तान के लिए अच्छा होगा कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र वाले देश पर उंगली उठाने से पहले अपने आप को सही कर ले। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों विशेषकर हिंदू, सिख और ईसाइयों की महिलाओं की स्थिति दयनीय है। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग की हाल ही की रिपोर्ट के अनुसार, मुल्क में हर साल अल्पसंख्यक समुदायों की करीब 1,000 महिलाओं का अपहरण किया जाता है और उन्हें जबरन धर्म परिवर्तन और निकाह का शिकार बनाया जाता है। पाकिस्तान दुनिया में सबसे बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित आतंकवादी संस्थाओं और लोगों को पनाह देने वाला देश रहा है।'  

First Updated : Saturday, 23 September 2023