भारत-रूस की दोस्ती का असर, डिफेंस एक्सपोर्ट में आएगी उछाल, BrahMos के बाद सुखोई पर बना प्लान

India-Russia Defense Partnership: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे का असर दिखने लगा है. जल्द भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट में भारी बढ़ोतरी की संभावना है. माना जा रहा है कि भारत अब ब्रह्मोस के बाद अब सुखोई (Su-30 लड़ाकू विमान) के लिए रूस के साथ मिलकर काम करने वाला है. डिफेंस पार्टनरशिप के सबसे शक्तिशाली विमान Su-30MKI को भारत निर्यात करना चाहता है.

calender

India-Russia Defense Partnership: पीएम मोदी के रूस दौरे के बाद दोनों देशों के डिफेंस पार्टनरशिप को नई ऊंचाई मिल सकती है. ब्रह्मोस मिसाइल को तैयार करने के बाद अब भारत और रूस एक बार फिर सुखोई Su-30MKI के उत्पादन को बढ़ाने के लिए काम कर सकते हैं. माना जा रहा है दोनों देश इसका उत्पादन को बढ़ाकर इसके निर्यात पर फोकस करेंगे. यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने 272 सुखोई (SU-30) की खरीदारी की थी. इसमें से 222 ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी के तहत HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) को मिली थी.

बता दें कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के दौरे पर गए थे. इस दौरान राष्ट्रपति पुतिन और उनके बीच अच्छी केमेस्ट्री देखने को मिली थी. इस दौरे के बाद से ही कई कयास लगाए जा रहे थे. इस बीच सुखोई को लेकर ये बड़ी खबर आए है. इससे पहले भी इस विमान के साथ ही ब्रह्मोस मिसाइल बनाने के लिए दोनों देश साथ काम कर चुके हैं. अब फिर से सुखोई को निर्माण और निर्यात होता है तो भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट में बूम आएगा. 

रक्षा निर्यात बढ़ेगा

भारत की HAL और रूसी सुखोई के बीच इन जेट विमानों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बात चल रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, रूस नए ऑर्डर के बिना भी इसपर समर्थन देने के लिए तैयार हो गया है. अभी नासिक में SU-30MKI की प्रोडक्शन लाइन विमानों की सर्विसिंग का काम जारी है. उत्पादन पर दोनों देश साथ काम करते हैं तो भारत के रक्षा निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी.

सुखोई हो रहा अपग्रेड

सुखोई में  बड़ा अपग्रेड भी चल रहा है. यह विमान 2050-60 तक भारतीय वायुसेना में शामिल रहेंगे. सुखोई में सबसे बड़ा अपग्रेड तीन ब्रह्मोस मिसाइलों के साथ किया गया है. ये मिशाइलें अब इस विमान में जोड़ी गई हैं. ऐसे में विमान का बड़ा आकार जो पहले समस्या था अब वो एक लाभ में बदल गया है. भारतीय वायुसेना में मौजूद सुखोई शक्तिशाली ब्रह्मोस ले जाने में सक्षम है.


First Updated : Wednesday, 17 July 2024