India-Russia Trade: भारत और रूस के रिश्तों में पिछले कुछ वर्षों में मजबूत दोस्ती देखने को मिली है और अब दोनों देशों के बीच व्यापार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का एक अहम लक्ष्य निर्धारित किया गया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में कहा कि भारत को उम्मीद है कि वह 2030 से पहले रूस के साथ अपने द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन डॉलर तक बढ़ा लेगा.
भारत-रूस व्यापार में हुई महत्वपूर्ण प्रगति
भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार में पिछले पांच सालों में बड़ी वृद्धि देखने को मिली है. रूस के पहले उप-राष्ट्रपति डेनिस मंटुरोव ने भी इस पर अपनी बात रखते हुए कहा कि व्यापार में 5 गुना से अधिक का इजाफा हुआ है. हालांकि, एस जयशंकर का कहना है कि इस वृद्धि के बावजूद दोनों देशों के बीच व्यापार में कुछ असंतुलन अभी भी है, जिसे हल करने की जरूरत है.
अर्थव्यवस्थाओं के बीच मजबूत तालमेल
जयशंकर ने रूस के उप-प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ एक बैठक की और दोनों देशों के बीच व्यापार, विज्ञान और तकनीकी सहयोग पर चर्चा की. इस बैठक के दौरान, जयशंकर ने यह बताया कि दोनों देशों ने व्यापार संबंधी प्रमुख समस्याओं, जैसे भुगतान और लॉजिस्टिक मुद्दों, को हल करने में अच्छी प्रगति की है.
उन्होंने कहा कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे के लिए पूरक हैं और कई वर्षों का विश्वास और सहयोग इस संबंध को मजबूत बनाता है. जयशंकर ने यह भी बताया कि हालांकि द्विपक्षीय व्यापार 66 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, फिर भी व्यापार को संतुलित करने और भविष्य में 100 अरब डॉलर का लक्ष्य हासिल करने के लिए कुछ और काम बाकी है.
चुनौतियों से निपटना बाकी है
इस वक्त, भारत और रूस के बीच व्यापार घाटा लगभग 57 अरब डॉलर का है, जो मुख्य रूप से 2022 में रूस से कच्चे तेल की बड़ी खरीदारी के कारण हुआ है. जयशंकर ने स्वीकार किया कि व्यापार के असंतुलन को दूर करने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है. इस संदर्भ में, उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच यह व्यापार संबंध और भी मजबूत हो सकते हैं यदि दोनों पक्ष मिलकर समाधान ढूंढते हैं. इसके लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी सहयोग बढ़ाने की जरूरत है.
भारत-रूस व्यापार संबंध का भविष्य
भारत और रूस के बीच 2030 तक 100 अरब डॉलर का व्यापार करने का लक्ष्य न केवल दोनों देशों के लिए एक आर्थिक कदम है, बल्कि यह दुनिया के दो शक्तिशाली देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों को भी दर्शाता है. दोनों देशों का यह साझेदारी एक नए आर्थिक युग की ओर कदम बढ़ाने जैसा है, जिसमें दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं और व्यापारिक संबंध एक दूसरे से जुड़ते जाएंगे.
भारत और रूस के बीच इस संबंध को और भी मजबूत करने के लिए दोनों देशों को लगातार एक-दूसरे के आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक साझेदार बनने की जरूरत है. यदि इन व्यापारिक समस्याओं का सही तरीके से समाधान किया जाता है, तो भारत-रूस का यह साझेदारी वैश्विक व्यापार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
100 बिलियन डॉलर का व्यापार लक्ष्य
भारत और रूस के द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में तेजी से सुधार हो रहा है और दोनों देशों के बीच विश्वास का संबंध मजबूत हो रहा है. एस जयशंकर का यह बयान और लक्ष्य एक संकेत है कि दोनों देशों की दोस्ती भविष्य में नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगी. 2030 तक 100 बिलियन डॉलर का व्यापार लक्ष्य आसान नहीं होगा, लेकिन दोनों देशों का समर्पण और साझेदारी इसे हासिल करने में मदद करेगा. First Updated : Tuesday, 12 November 2024