वक्फ कानून पर पाकिस्तान की टिप्पणी पर भारत का कड़ा जवाब, कहा- अपने रिकॉर्ड पर नज़र डाले इस्लामाबाद
वक्फ संशोधन कानून पर बयान देने को लेकर भारत ने पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई है. विदेश मंत्रालय ने दोटूक शब्दों में कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है.

हाल ही में संसद में पारित वक्फ संशोधन कानून को लेकर पाकिस्तान की आलोचनात्मक टिप्पणी पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में बोलने का कोई अधिकार नहीं है और उसे दूसरों पर टिप्पणी करने से पहले खुद के अल्पसंख्यकों के हालात पर ध्यान देना चाहिए.
रणधीर जायसवाल ने पाक को दी नसीहत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम भारत की संसद द्वारा पारित वक्फ संशोधन अधिनियम पर पाकिस्तान की प्रेरित और निराधार टिप्पणियों को पूरी तरह खारिज करते हैं. पाकिस्तान को भारत के मामलों में दखल देने का कोई हक नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि अगर पाकिस्तान को वास्तव में अल्पसंख्यकों की चिंता है, तो उसे पहले अपने देश में उनके हालात की समीक्षा करनी चाहिए.
भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए दिया जवाब
दरअसल, पाकिस्तान ने भारत में वक्फ कानून में हाल में हुए बदलावों को लेकर बयान जारी कर इसे भेदभावपूर्ण करार दिया था. इस बयान के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए जवाब दिया है. गौरतलब है कि संसद के दोनों सदनों में चर्चा के बाद 5 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) अधिनियम पारित किया गया था, जिसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल चुकी है. इस नए कानून को लेकर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी चर्चा तेज है.
इसी मुद्दे पर अब सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई होने जा रही है. वक्फ कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. इस तीन सदस्यीय पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना करेंगे. अब तक इस कानून को लेकर 10 याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं. इनमें AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी, आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान, राजद सांसद मनोज झा और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा जैसे नेताओं की याचिकाएं शामिल हैं.