Indian Economy: भारत की अर्थव्यवस्था एक नए मुकाम की ओर बढ़ रही है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2032 तक भारत की जीडीपी 10 ट्रिलियन डॉलर (83,48,04,50,00,00,000 रुपए) तक पहुंचने का अनुमान है. यदि यह भविष्यवाणी सही होती है तो भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा, जो अमेरिका और चीन के बाद होगा.
दरअसल एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की जीडीपी हर डेढ़ साल में 1 ट्रिलियन डॉलर बढ़ने की गति से विकसित होगी. इस तेजी से वृद्धि के साथ, भारत 2030 तक वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर पहुंचने की तैयारी कर रहा है. इस वृद्धि में मुख्य भूमिका मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की होगी जो जीवीए में लगभग 32 फीसदी का योगदान देगा.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की भूमिका
भारत के 'मेक इन इंडिया' जैसे प्रमुख कार्यक्रमों के चलते मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को मजबूती मिलेगी. रिपोर्ट के अनुसार, भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता अमेरिका, चीन, जर्मनी, जापान और दक्षिण कोरिया को पीछे छोड़ने की स्थिति में है.
भारत की जीडीपी की बढ़ती रफ्तार
वहीं दूसरी तरफ विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की जीडीपी 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में 63 साल लगे, जबकि अब अगले 7 साल में यह आंकड़ा 4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा. कोविड-19 महामारी के चलते कुछ समय के लिए रुकावट आई लेकिन अब देश तेजी से विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है.
निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि
2030 तक भारत का निर्यात जीडीपी का 25 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है, जो कि 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. साल 2000 में भारत का निर्यात मात्र 61 बिलियन डॉलर था जो 2024 तक 776.7 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है.
भारत: एक ग्लोबल आर्थिक महाशक्ति
भारत की बढ़ती निर्यात क्षमता और मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ कई महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करेगी, जैसे बढ़ती घरेलू मांग, सप्लाई चेन का वैश्विक पुनर्गठन और अनुकूल वित्तीय माहौल.
भारत एक ग्लोबल आर्थिक महाशक्ति बनने के लिए पूरी तरह से तैयार है. नीतिगत सुधारों और अनुकूल कारोबारी माहौल के चलते, भारत का मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात क्षेत्र नई ऊंचाइयों को छूने की दिशा में अग्रसर है. क्या 2032 तक भारत दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक खिलाड़ियों में शामिल हो पाएगा? यह सवाल हर किसी के मन में है. First Updated : Saturday, 21 September 2024