Israel-Palestine conflict: फिलिस्तीन का साथ दे भारत, इजराइल-हमास विवाद के बीच जमाए-ए-इस्लामी हिंद ने भारत सरकार को दी सहाल
Israel-Palestine conflict: जमात-ए-इस्लामी हिंद ने इस पूरे विषय पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. जमात-ए-इस्लामी हिंद ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह इजरायल और फिलिस्तीन के बीच भड़की हिंसा को लेकर चिंतित है.
Israel-Palestine conflict: शनिवार को इजराइल पर हमास द्वारा हमला किए जाने के बाद फिलिस्तीन और इजराइल के बीच यूद्ध शुरू हो गया है. एक ओर जहां गाजा पट्टी से हमास इजराइल पर हमला कर रहा है वहीं दूसरी तरफ इजराइल ने भी कसम खाई है कि वह इस बार हमास को मिट्टी में मिला देगा. युद्ध के बीच दुनिया भी दो खेमों में बट गई है. एक तरफ ऐसे देश हैं जो फिलिस्तीन का साथ दे रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कुछ देश इजराइल का साथ दे रहे हैं. ऐसे में भारत के एक इस्लामिक संगठन ने भारत सरकार से मांग की है कि वह इस यूद्ध की घड़ी में फिलिस्तीन का साथ दे.
बता दें कि जमात-ए-इस्लामी हिंद ने इस पूरे विषय पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. जमात-ए-इस्लामी हिंद ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह इजरायल और फिलिस्तीन के बीच भड़की हिंसा को लेकर चिंतित है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मीडिया को दिए बयान में जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सदातुल्लान हुसैनी ने कहा कि वह इजराइल और फिलिस्तीन के बीच भड़की हिंसा से बहुत चिंतित हैं.
जमात-ए-इस्लामी हिंद ने क्या कहा?
खबरों की मानें तो सैयद सदातुल्लान ने कहा है कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वर्तमान में जो स्थिति पैदा हुई है, उसके पीछे फिलिस्तीनियों के खिलाफ कट्टर दक्षिणपंथी नेतन्याहू सरकार द्वारा फैलाई गई इजरायली आक्रामकता है. उनका कहना है कि इस हिंसा ने अबतक सैकड़ों जानें ले ली है जिसमें बच्चे भी शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और यहूदी बस्तियों के विस्तार को तुरंत रोकना चाहिए.
भारत सरकार से की फिलिस्तीन का साथ देने की मांग
जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस युद्ध को रोके जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि, 'हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान करते हैं कि इजरायल को गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों के खिलाफ असंगत युद्ध शुरू करने से रोका जाए. उन्होंने आगे कहा कि जमात-ए-हिंद गांधी जी के उस कथन पर विश्वास करता है, 'फिलिस्तीन फिलिस्तीनियों का है, इंग्लैंड अंग्रेजों का या फ्रांस फ्रांसिसियों का. यह भारत की सदियों पुरानी नीति का आधार रहा है।' उन्होंने जमात की इच्छा प्रकट करते हुए कहा कि भारत सरकार फिलिस्तीनियों का समर्थन करे. फिलिस्तीनियों को अपना राज्य स्थापित करने में भारत सरकार मदद करे व शांति कायम करने के लिए अपने वैश्विक प्रभाव का उपयोग करे.