कश्मीर मुद्दे पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया: पाकिस्तान को UN में सुनाई खरी-खोटी, महिलाओं के अधिकारों पर उठाई चिंता!
हाल ही में भारत ने UN सुरक्षा परिषद में कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान की जमकर आलोचना की. भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक महिलाओं की दयनीय स्थिति का जिक्र करते हुए उसकी मानवाधिकार नीति पर सवाल उठाए. इस चर्चा में उन्होंने महिलाओं की भागीदारी और तकनीकी सशक्तिकरण पर भी जोर दिया. जानिए, क्या कहा भारत ने और किस तरह से उसने पाकिस्तान को नसीहत दी!
India Strong Reaction: हाल ही में भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक महत्वपूर्ण बैठक में कश्मीर मुद्दे को उठाने पर पाकिस्तान की तीखी आलोचना की. भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पी हरीश ने न केवल पाकिस्तान द्वारा फैलाए गए गलत सूचनाओं को बर्खास्त किया, बल्कि पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से महिलाओं की स्थिति पर भी गंभीर चिंताएं व्यक्त की.
पी हरीश ने कहा कि यह निंदनीय है कि पाकिस्तान ने राजनीतिक प्रचार के जरिए शरारती उकसावे का सहारा लिया है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग के आंकड़ों के अनुसार, वहां हर साल अनुमानित एक हजार अल्पसंख्यक महिलाएं, जिनमें हिंदू, सिख और ईसाई शामिल हैं, अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और जबरन विवाह का शिकार होती हैं. यह आंकड़े पाकिस्तान में महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों की दयनीय स्थिति को उजागर करते हैं.
महिलाओं की भागीदारी पर जोर
इस बैठक में, भारत ने महिलाओं की भागीदारी के महत्व पर भी जोर दिया. पी हरीश ने कहा कि स्थायी शांति के लिए निर्णय लेने के सभी स्तरों पर महिलाओं की समान, सार्थक और सुरक्षित भागीदारी आवश्यक है. उन्होंने बताया कि भारत ने 2007 में लाइबेरिया में पहली बार सभी महिला पुलिस यूनिट तैनात की, जो संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में एक मिसाल है.
An estimated thousand women of minority communities in Pakistan as per data of Human Rights Commission of Pakistan are subject to abductions, forced religious conversions and forced marriages every year: P. Harish, India's Permanent Representative to the United Nations #UN in New… pic.twitter.com/mLq3LCMduf
— Mahesh Vasu (@maheshmvasu) October 26, 2024
तकनीक के जरिए सशक्तिकरण
पी हरीश ने आगे कहा कि तेजी से बदलते समय में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करना जरूरी है. उन्होंने बताया कि भारत ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में लैंगिक भेदभाव को कम करने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाया है. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वह उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए ठोस उपाय विकसित करें.
इस तरह, भारत ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए पाकिस्तान को न केवल आलोचना का लक्ष्य बनाया, बल्कि महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी जताई. भारत की इस प्रतिक्रिया ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि महिलाओं के अधिकार और सुरक्षा को सुनिश्चित करना एक प्राथमिकता होनी चाहिए.