Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर यूएन द्वारा जारी रिपोर्ट को भारत ने बताया अनुचित और भ्रामक, दी कड़ी प्रतिक्रिया
Manipur Violence: जिनेवा में स्थिति संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भारत के स्थायी मिशन इस रिपोर्ट को खंडन करते हुए कहा कि सरकार मणिपुर सहित भारत के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
Manipur Violence: भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में पिछले चार महीने से लगातार हिंसा जारी है. अभी भी राज्य के अलग-अलग जगहों में हिंसा की घटनाएं दर्ज की जा रही है. मणिपुर में जारी हिंसा के बीच अब संयुक्त राष्ट्र ने भी दखल दे दिया है. दलअसल, यूएन एक्सपर्ट्स द्वारा मणिपुर हिंसा पर टिप्पणी की गई है, जिसको भारत ने अनुचित, अनुमानपूर्ण और भ्रामक बताया और कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति शांतिपूर्ण है.
मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय की विशेष प्रक्रिया शाखा को सोमवार (4 सितंबर) को जारी नोट वर्बेल में, भारतीय मिशन ने रेखांकित किया कि मणिपुर में स्थिति शांतिपूर्ण और स्थिर है. भारत सरकार पूर्वोत्तर राज्य में शांति बनाए रखने के लिए हर तरह की जरूरी कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है.
भारत ने यूएन की रिपोर्ट को किया खंडन
जिनेवा में स्थिति संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भारत के स्थायी मिशन इस रिपोर्ट को खंडन करते हुए कहा कि सरकार मणिपुर सहित भारत के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. संयुक्त राष्ट्र एक्सपर्ट द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति का पूरी तरह से खंडन करते हुए भारत का स्थायी मिशन ने कहा कि यह न केवल अनुचित, अनुमानपूर्ण और भ्रामक है, बल्कि मणिपुर की स्थिति और इसे संबोधित करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर समझ की पूरी कमी को भी दर्शाता है.
यूएन एक्सपर्ट ने रिपोर्ट में क्या कहा था?
आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र एक्सपर्ट के ग्रुप ने मणिपुर हिंसा को लेकर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है, जिसमें राज्य में यौन हिंसा, गैर-न्यायिक हत्याएं, जबरन विस्थापन, यातना और दुर्व्यवहार के कथित कृत्यों सहित 'गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन और दुर्व्यवहार' के बारे में चिंता जताई गई है.
भारत ने रिपोर्ट को किया विरोध
बता दें कि UN समूह विशेष प्रक्रिया अधिदेश धारकों (SPMH) ने मणिपुर में निरंतर दुर्व्यवहार से चिंतित संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ की एक रिपोर्ट जारी की थी. जिस रिपोर्ट का खंडन करते हुए भारत के स्थायी मिशन ने कहा कि SPMH ने 29 अगस्त, 2023 को इसी विषय पर जारी एक संयुक्त संचार का जवाब देने के लिए भारत सरकार की 60 दिनों की अवधि की प्रतीक्षा किए बिना इस प्रेस विज्ञप्ति को जारी किया. वहीं भारत के स्थायी मिशन ने सलाह देते हुए कहा कि भविष्य में एसपीएमएच तथ्यों के आधार पर कोई भी प्रेस विज्ञप्ति जारी करें.