Lok Sabha Election 2024: इंडिया का मतलब भारत, ये राज्यों का एक संघ है... एक देश, एक चुनाव पर राहुल गांधी का बयान

वन नेशन, वन इलेक्शन पर कांग्रेस के लोकसभा सांसद अधीर रंजन ने कहा कि समिति संवैधानिक रूप से सही नहीं है. साथ ही तार्किक और प्रैक्टिकल रूप से ठीक नहीं है.

Shabnaz Khanam
Edited By: Shabnaz Khanam

हाइलाइट

  • वन नेशन, वन इलेक्शन पर राहुल गांधी का बयान
  • कमेटी से अधीर रंजन ने अपना नाम वापस लिया

Rahul Gandhi: केंद्र की मोदी सरकार ने देश में एक देश, एक चुनाव को लेकर कमेटी का गठन किया है. अब इस मामले में कांग्रेस हमलावर हो गई है. सबसे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन से इस कमेटी का मेंबर बनने से इंकार कर दिया है, इसके बाद जयराम नरेश ने इसे कर्मकांडीय कहा और अब राहुल गांधी ने भारत के संघीय ढांचे पर हमला बताया.

इंडिया का मतलब भारत: राहुल गांधी 

वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर राहुल गांधी ने ट्विट कर लिखा कि इंडिया का मतलब भारत, राज्यों का एक संघ. एक देश, एक चुनाव का विचार संघ और उसके सभी स्टेट पर हमला है. बता दें कि वन नेशन, वन इलेक्शन की कमेटी का अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया है, इसमें अधीर रंजन चौधरी को भी शामिल किया गया था, लेकिन उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया. 

राज्यसभा के प्रतिपक्ष नेता को शामिल न करना लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ

कमेटी से नाम वापस लेने के बाद अधीर रंजन ने कहा कि समिति संवैधानिक रूप से सही नहीं है. साथ ही तार्किक और प्रैक्टिकल रूप से उचित नहीं है. साथ ही ये कमेटी तब बनाई गई है, जब लोकसभा चुनाव करीब हैं, उन्होंने आगे कहा कि इस कमेटी में राज्यसभा के प्रतिपक्ष नेता को शामिल न करना लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है. अब मेरे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है कि मैं इस कमेटी में शामिल होने के लिए निमंत्रण अस्वीकार कर दूं. 

समिति में इन लोगों को मिली जगह

कमेटी में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अध्यक्ष बनाया गया है, इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा सांसद अधीरंजन, पूर्व वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, संसदीय विशेषज्ञ सुभाष कश्यप, सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल किया गया है. वहीं, कांग्रेस के महासचिव ने कहा कि, हमारा साफतौर से मानना है कि एक देश, एक चुनाव पर बनाई कमेटी और कुछ नहीं बल्कि संसदीय लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने का एक व्यवस्थित तरीका है. 

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03 September 2023, 03:44 PM IST

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