भारत ने वियतनाम को INS कृपाण देने का किया ऐलान तो टेंशन में क्यों आ गया चीन

India-Vietnam Relationship : भारत ने वियतनाम की नौसेना को स्वेदेशी युद्घपोत युद्धपोत INS कृपाण गिफ्ट देने का एलान किया है। भारत के इस कदम से चीन टेंशन में आ गया है।

calender

India-Vietnam Relationship : भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 19 जून को वियतनाम के  रक्षा मंत्री जनरल फान वान जियांग के साथ बैठक की। इस बैठक में राजनाथ सिंह ने ऐलान किया कि भारत वियतनाम को देश में निर्मित मिसाइल युद्धपोत INS कृपाण गिफ्ट के तौर पर देगा। आपको बता दें की वियतनाम के रक्षामंत्री वान जियांग 2 दिवसीय भारत यात्रा पर आए हुए थे। इसकी जानकारी भारत के रक्षा मंत्रालय ने अपने एक बयान में दी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि भारत और वियतनाम के बीच रक्षा उद्योग, समुद्री सुरक्षा और बहुराष्ट्रीय सहयोग के मौजूदा क्षेत्रों को बढ़ाने के साधनों की पहचान जैसे मुद्दों पर बात-चीत हुई है। 

टेंशन में आ गया चीन

वियतनाम को गिफ्ट के तौर पर देश में निर्मित मिसाइल युद्धपोत INS कृपाण की घोषणा के बाद से भारत को लेकर वैश्विक स्तर पर भी इसकी चर्चा होने लगी है। भारत के इस कदम से चीन सहमा सा नजर आ  रहा है। दरअसल, भारत और वियतनाम द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने पर काम कर रहे हैं । साथ ही साथ साउथ चाइना सी को हालातों की भी समीक्षा कर रहे हैं। इसीलिए भारत और वियतनाम के बीच हुई इस मिटिंग से चीन टेंशन में आ गया है। दरअसल, साउथ चाइना सी में चीन लगातार अपने प्रभुत्तव को बढ़ाता जा रहा है, इसीलिए भारत ने वियतनाम को अपना युद्धपोत देने का निर्णय लिया। भारत के इस कदम को बहुत अहम बताया जा रहा है। 

भारत के रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में निर्मित मिसाइल युद्धपोत INS कृपाण वियतनाम की नौसेना के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। दरअसल, भारत और चीन के बीच ज्यादातर किसी न किसी मुद्दे को लेकर  हमेशा तनाव की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में भारत द्वारा वियतनाम को दिए गए युद्धपोत से चीन की बौखलाहट जायज है।  

बैठक में CDS भी थे शामिल

18 जून को 2 दिवसीय भारतीय दौरे पर आए वियतनाम के रक्षामंत्री जनरल फान वान जियांग के साथ दिल्ली में हुई बैठक में देश के रक्षा प्रमुख CDS जनरल अनिल चौहान समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। अपने 2 दिन के दौर में वियतनामी रक्षा मंत्री ने DRDO के मुख्यालय का भी दौरा किया।  इस दौरान रक्षा अनुसंधान और संयुक्त उत्पादन के क्षेत्र में सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। 
  First Updated : Tuesday, 20 June 2023