नौसेना के लिए फ्रांस से 26 राफेल खरीदेगा भारत, 63,000 करोड़ की डील को जल्द मिल सकती है मंजूरी

राफेल एम जेट की डिलीवरी डील साइन होने के लगभग चार साल बाद शुरू होने की उम्मीद है. भारतीय नौसेना को 2029 के अंत तक पहला बैच मिलने की संभावना है, जबकि पूरा ऑर्डर 2031 तक पूरा हो जाएगा. ये उन्नत लड़ाकू विमान भारत के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और स्वदेशी आईएनएस विक्रांत से संचालित होंगे.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

रक्षा मंत्रालय इस महीने भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल एम फाइटर जेट खरीदने के लिए 63,000 करोड़ के सौदे को अंतिम रूप देगा. सूत्रों से पता चला है कि यह सौदा अपने अंतिम चरण में है और प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) द्वारा आगामी सप्ताहों में इसे मंजूरी दिए जाने की उम्मीद है. इस सरकार-से-सरकार अनुबंध में 22 सिंगल-सीटर और चार ट्विन-सीटर जेट शामिल होंगे, साथ ही बेड़े के रखरखाव, रसद सहायता, कर्मियों के प्रशिक्षण और ऑफसेट दायित्वों के तहत स्वदेशी विनिर्माण घटकों के लिए एक व्यापक पैकेज भी शामिल होगा. इस सौदे में नौसेना कर्मियों के लिए प्रशिक्षण भी शामिल है.

2029 में मिलेगा पहला बैच

राफेल एम जेट की डिलीवरी डील साइन होने के लगभग चार साल बाद शुरू होने की उम्मीद है. भारतीय नौसेना को 2029 के अंत तक पहला बैच मिलने की संभावना है, जबकि पूरा ऑर्डर 2031 तक पूरा हो जाएगा. ये उन्नत लड़ाकू विमान भारत के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और स्वदेशी आईएनएस विक्रांत से संचालित होंगे, जो पुराने हो चुके मिग-29के बेड़े का स्थान लेंगे. 

राफेल एम में मिलेंगी ये टेक्नोलॉजी

राफेल एम को विशेष रूप से विमानवाहक आधारित संचालन के लिए डिजाइन किया गया है और इसमें मजबूत लैंडिंग गियर, अरेस्टर हुक्स और शॉर्ट टेक-ऑफ बट अरेस्टेड रिकवरी (एसटीओबीएआर) संचालन के लिए मजबूत फ्रेम की सुविधा दी गई है. यह वह विधि है जिसका उपयोग विमानवाहकों से विमान को उतारने और वापस लाने के लिए किया जाता है. भारत की समुद्री आवश्यकताओं के लिए अनुकूलित ये जेट विमान मेटियोर, एक्सोसेट और सिस्टम डी क्रोइसिरे ऑटोनोम लॉन्ग पोर्टे (एससीएएलपी) जैसी उन्नत मिसाइलों को ले जाने में सक्षम हैं, जिससे बहुमुखी युद्ध क्षमताएं प्राप्त होती हैं.

राफेल एम की खासियत

अपने एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार और स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट के साथ, राफेल एम बेहतर लक्ष्य पहचान, चुपके, उत्तरजीविता और इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेशर्स प्रदान करता है. यह मैक 1.8 तक की गति तक पहुंच सकता है, इसकी लड़ाकू सीमा 1,850 किमी से अधिक है, और विस्तारित परिचालन धीरज के लिए मध्य-हवा में ईंधन भरने की क्षमता है.

राफेल एम अधिग्रहण के अलावा भारत ने मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) और फ्रांस के नेवल ग्रुप के सहयोग से प्रोजेक्ट-75 के तहत तीन स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के निर्माण की भी योजना बनाई है. ये पनडुब्बियां भारत की पानी के भीतर की लड़ाकू ताकत को मजबूत करेंगी और नौसेना की दीर्घकालिक खरीद योजनाओं को पूरक बनाएंगी, जिससे देश की रक्षा क्षमताओं में और वृद्धि होगी.

calender
07 April 2025, 08:57 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag