भारत नहीं करेगा तहव्वुर राणा को टॉर्चर, अमेरिकी ईमेल से हुआ बड़ा खुलासा

Tahawwur Rana: भारत आतंकी तहव्वुर राणा को टॉर्चर नहीं करेगा क्योंकि वह पहले ही संयुक्त राष्ट्र की यातना विरोधी संधि (UN Convention Against Torture) पर हस्ताक्षर कर चुका है. यह खुलासा तहव्वुर राणा के वकील और अमेरिका के स्टेट सेक्रेटरी मार्को रुबियो के बीच हुई ईमेल बातचीत से हुआ है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Tahawwur Rana: भारत ने यूएन कन्वेंशन अगेंस्ट टॉर्चर पर साइन किया हुआ है, इसीलिए भारत आतंकी तहव्वुर राणा को कभी टॉर्चर नहीं करेगा. यह जानकारी उस ईमेल ट्रेल से सामने आई है जो आतंकी राणा के वकील और अमेरिका के स्टेट सेक्रेटरी मार्को रुबियो के बीच जनवरी महीने में हुई थी. इन ईमेल्स में राणा के वकील ने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए चार प्रमुख दलीलें दी थीं, लेकिन इसके बावजूद अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दरकिनार कर राणा को भारत भेजने की अनुमति दे दी.

तहव्वुर राणा के वकील की ओर से भेजे गए मेल का रिप्लाई देते हुए अमेरिकी स्टेट सेक्रेटरी कार्यालय ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र यातना विरोधी संधि (UN Convention Against Torture) पर हस्ताक्षर कर चुका है, इसलिए भारत राणा को यातना नहीं देगा. यह ईमेल ट्रेल एक्सेस किए जाने के बाद सामने आया है, जो अब इस मामले में एक बड़ा दस्तावेज़ बन गया है.

ईमेल ट्रेल से सामने आया भारत का रुख

सूत्रों के अनुसार, जनवरी में भेजे गए ईमेल में राणा के वकील ने अमेरिकी सेक्रेटरी मार्को रुबियो को प्रत्यर्पण रोकने के लिए पत्र लिखा था. जवाब में सेक्रेटरी कार्यालय ने स्पष्ट किया कि भारत टॉर्चर नहीं करेगा क्योंकि वह पहले ही यूएन संधि पर हस्ताक्षर कर चुका है. यह बात राणा के बचाव पक्ष द्वारा प्रमुख दलील के रूप में रखी गई थी.

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट पर नहीं पड़ा असर

राणा के वकील द्वारा भेजे गए मेल के अंतिम दो पन्नों में चार प्रमुख दलीलें दी गई थीं, लेकिन अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने इन तर्कों को मान्यता नहीं दी और भारत को प्रत्यर्पण की अनुमति दे दी. इससे यह स्पष्ट हो गया कि अमेरिकी न्यायालय भारत के वादों पर विश्वास कर रहा है.

राणा के वकील की चार प्रमुख दलीलें

अमेरिका में बरी होने के बाद भारत में ट्रायल क्यों?
राणा के वकील ने तर्क दिया कि तहव्वुर राणा को अमेरिका में पहले ही ट्रायल के बाद बरी कर दिया गया है. अब उसी केस में भारत में फिर से ट्रायल का सामना करना न्यायोचित नहीं है और यह अमेरिकी नागरिकों के लिए गलत संदेश होगा.

हेडली को सज़ा, राणा को बरी – फिर प्रत्यर्पण क्यों?
दूसरी दलील में कहा गया कि मुंबई हमले में डेविड हेडली को दोषी ठहराया गया था जबकि तहव्वुर राणा को बरी किया गया, ऐसे में राणा को भारत प्रत्यर्पित करना अनुचित है.

भारत में मुसलमानों पर अत्याचार का आरोप
तीसरी दलील में वकील ने ह्यूमन राइट्स रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत में खासकर बीजेपी शासित क्षेत्रों में मुस्लिमों को जेलों में टॉर्चर, हत्या और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है. चूंकि राणा मुस्लिम और पाकिस्तान मूल का है, इसलिए भारत में उसके साथ भी ऐसा हो सकता है.

खराब स्वास्थ्य की अपील
अंतिम दलील में राणा की बिगड़ती सेहत का जिक्र किया गया. बताया गया कि वह बीते पांच वर्षों से बीमार है और हाल ही में उसका नया डायग्नोसिस हुआ है, ऐसे में उसे भारत भेजना अमानवीय होगा.

भारत लाया गया तहव्वुर राणा, कोर्ट में पेशी

गुरुवार को तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाया गया, जहां देर रात उसे कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उसे 18 दिन की NIA कस्टडी में भेज दिया. वर्तमान में उससे लगातार पूछताछ की जा रही है.

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13 April 2025, 01:07 PM IST

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