भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने स्वदेशी मिसाइल निर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए कई कंपनियों को मिसाइलों के उत्पादन के लिए मंजूरी दी है. वायु सेना के वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने बताया कि हैदराबाद यात्रा के दौरान 200 एस्ट्रा मिसाइलों के उत्पादन के लिए मंजूरी दी गई है. उन्होंने बताया कि, डीआरडीओ कंपनी इस परियोजना के लिए विकास एजेंसी है, जबकि बीडीएल कंपनी इसकी उत्पादन एजेंसी है.
इन मिसाइलों के उत्पादन से भारत में एस्ट्रा मिसाइलों की शक्तियों में विस्तार होगा. एस्ट्रा मार्क 1 मिसाइल, मार्क 2 की पूर्ववर्ती है जिसे पहले ही भारतीय वायु सेना और नौसेना दोनों में सफलतापूर्वक शामिल किया जा चुका है.
इंडिया टूडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने बताया कि डीआरडीओ मिसाइल की रेंज बढ़ाने के लिए एक विशेष मोटर विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. मौजूदा एस्ट्रा मार्क 1 मिसाइल की मारक क्षमता 100 किलोमीटर तक है, जिसे और भी बढ़ाया जा सकता है. वहीं एस्ट्रा मार्क 2 मिसाइल का पहला परीक्षण जल्द होने वाला है.
बता दें कि, स्वदेशी हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली विकसित करने की यात्रा 2001 में शुरू हुई थी. इसका उद्देश्य दृश्य सीमा से परे दुश्मन के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम मिसाइल प्रणाली को डिजाइन और विकसित करना था. बता दें कि, प्रारंभिक अध्ययन करने और परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए एक समर्पित टास्क फोर्स का गठन किया गया है.
First Updated : Monday, 05 August 2024