Akash Weapon System: भारतीय सेना ने आज (31 मार्च) आकाश मिसाइल प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. यह मिसाइल सतह से हवा में दुश्मन को मार गिराने का दम रखती है. बता दें, कि भारतीय रक्षा बालों की तरफ से किया गया यह परीक्षण देश की रक्षा ताकत को बढ़ावा देगा. इस आकाश मिसाइल को आत्मनिर्भर मिशन को बढ़ावा देने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है.
बता दें कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा निर्मित मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली आकाश एक मिसाइल (एसएएम) प्रणाली है. इसको इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईजीएमडीपी) के तहत विकसित किया गया है. जिसके द्वारा नाग, अग्नि और त्रिशूल मिसाइल और पृथ्वी बैलिस्टिक मिसाइल का विकास किया गया है. इसके द्वारा भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और भारतीय सेना (आईए) के लिए दो मिसाइल संस्करण बनाए गए हैं. भारतीय वायुसेना ने मई 2015 में आकाश मिसाइलों के पहले बैच को शामिल किया था.
पहली आकाश मिसाइल मार्च 2012 में भारतीय वायुसेना को सौंपी गई थी, जबकि औपचारिक रूप से जुलाई 2015 में वायुसेना में इसे शामिल किया गया था. आकाश एसएएम प्रणाली हवा में कई लक्ष्यों को एक साथ निशाना बना सकती है. वहीं ये मिसाइल कितनी घातक वो आपको डीआरडीओ की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किए गए वीडियो में साफ तौर पर देखने को मिल जाएगा.
इस दौरान आकाश मिसाइल प्रणाली के सफलतापूर्वक परीक्षण पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एक्स पर मिसाइल परीक्षण का वीडियो पोस्ट कर बधाई दी है. डीआरडीओ ने कहा कि वह पश्चिमी कमान के वायु रक्षा योद्धाओं "स्काई ग्लेडियेटर्स" को उच्च स्तर की व्यावसायिकता प्रदर्शित करने के लिए बधाई देता है. स्वदेशी आकाश हथियार प्रणाली बार-बार क्षमता साबित कर रही है, जो एक बढ़ावा है First Updated : Sunday, 31 March 2024