ऑपरेशन ब्रह्मा से लौटे भारतीय फील्ड अस्पताल के वीर सपूत, भूकंप के बाद म्यांमार में थे तैनात
Operation Brahma: भारतीय सेना की फील्ड अस्पताल टीम मंगलवार देर रात ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत म्यांमार से स्वदेश लौटी. यह टीम मांडले क्षेत्र में आए विनाशकारी भूकंप के बाद राहत और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए तैनात की गई थी.

Operation Brahma: मंगलवार देर रात भारतीय सेना की फील्ड अस्पताल टीम म्यांमार से वापस अपने देश लौट आई. यह टीम म्यांमार के मांडले क्षेत्र में आए भूकंप के बाद चलाए गए ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत तैनात की गई थी. हिंडन एयर फोर्स बेस पर इनका स्वागत किया गया. इस मानवीय मिशन के तहत भारतीय सेना ने भूकंप पीड़ितों को तत्काल और उन्नत चिकित्सा सेवा प्रदान की.
इस अभियान में भारतीय सेना ने न केवल घायल नागरिकों की जान बचाई, बल्कि वहां के स्थानीय अस्पतालों और प्रशासन का भी विश्वास जीता. यह ऑपरेशन भारत की मानवीय सहायता और आपदा राहत प्रयासों का एक प्रभावशाली उदाहरण बना.
भूकंप के तुरंत बाद शुरू हुआ राहत अभियान
50 पैराशूट ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर नवीन कुमार ने बताया, "जैसा कि आप जानते हैं, यह तत्काल ऑपरेशन भारतीय सेना द्वारा म्यांमार में आए 7.7 पैमाने के भूकंप के बाद शुरू किया गया था. इसका केंद्र मांडले नामक शहर में था. इसके बाद, म्यांमार के अधिकारियों के अनुरोध पर, हम मांडले शहर चले गए जो भूकंप का केंद्र था."
स्पेशलाइज्ड मेडिकल फैसिलिटी
ब्रिगेडियर नवीन कुमार ने आगे कहा कि, शुरू में वह 118 सदस्यों वाले दल के साथ गए थे. लेकिन बाद में, जब उन्होंने तबाही और लोगों की जान जाते हुए देखा और स्थिति बिगड़ती गई, तो अधिक से अधिक उड़ानें भरी गईं और अधिक विशेषज्ञ तथा शल्य चिकित्सक बुलाए गए. अंततः, उस देश में 123 सदस्यों का दल था, जिसमें विभिन्न प्रकार के शल्य चिकित्सक, आघात देखभाल के लिए सभी प्रकार के विशेषज्ञ, सभी प्रकार की प्रयोगशाला गतिविधियां, सभी तरह की एक्स-रे सुविधाएं और जीवन रक्षक सर्जरी करने में सक्षम होने के लिए अन्य सभी चीजें शामिल थीं.
फील्ड स्थितियों में डबल ऑपरेशन थियेटर की स्थापना
उन्होंने बताया कि उन्होंने एक जुड़वां समानांतर ऑपरेशन थियेटर स्थापित किया था, जो एक ऐसी फील्ड कंडीशन में अपनी तरह का अनूठा था, जिसमें वे एक ही समय में दो गंभीर रोगियों का ऑपरेशन कर सकते थे. साथ ही उन्होंने बताया कि, उन्होंने फील्ड परिस्थितियों में लगभग 65 बड़ी सर्जरी की हैं और लोगों के लिए पर्याप्त दवाइयां भी छोड़ी हैं."
भारतीय चिकित्सा सेवाओं पर बढ़ा विश्वास
ब्रिगेडियर कुमार ने बताया, "एक बार जब यह टीम वहां गई और जैसे-जैसे लोगों का भारतीय चिकित्सा सुविधाओं पर भरोसा बढ़ा, स्थानीय अस्पतालों ने भी अपने रोगियों को उन्नत चिकित्सा देखभाल के लिए भारतीय डॉक्टरों के पास भेजना शुरू कर दिया और हमारे डॉक्टरों का उपचारात्मक स्पर्श वहाँ स्पष्ट रूप से दिखाई दिया. हम कई लोगों के दिलों और जीवन को छूने में सक्षम थे."
पहले से तैयार थी टीम
पैरा फील्ड अस्पताल के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल जगनीत गिल ने बताया कि, यह एक तरह से बहुत मुश्किल काम नहीं था क्योंकि वो ऐसा करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है. वह 60 पैराशूट फील्ड अस्पताल का हिस्सा रहे हैं, जो 50वीं (स्वतंत्र) पैराशूट ब्रिगेड के अधीन है. यह अस्पताल किसी भी अंतरराष्ट्रीय HADR (मानवीय सहायता और आपदा राहत) ऑपरेशन के लिए नामित है. वह पहले से ही नेपाल और तुर्की में हुए विभिन्न HADR ऑपरेशनों में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं." उन्होंने कहा कि, उन्हें म्यांमार के लोगों और वहां की सरकार से बहुत समर्थन मिला.