'हर हफ्ते आते थे 2 शव' कनाडा में पढ़ने को लेकर भारतीय उच्चायुक्त ने किया अलर्ट

Canada News: भारत के लोग कनाडा में पढ़ाई करने का सपना अकसर देखते हैं, कई लोग वहां जाकर पढ़ते भी साथ ही वहां बस भी जाते हैं, लेकिन हाल ही में भारतीय उच्चायुक्त ने इसको लेकर बयान जारी किया है जिसमें बताया है कि छात्रों को थोड़ ठहरकर और सोच समझकर फैसला करना चाहिए क्योंकि वहां की तस्वीर जैसी दिखती है हकीकत इसके बिल्कुल उलट है.

JBT Desk
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Canada News: भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा ने कनाडा से वापस बुलाए गए हैं, उन्होंने वहां के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि वहां पर अध्ययन करने की इच्छा रखने वाले भारतीय छात्रों को इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए. लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद कई छात्र घटिया कालेजों में दाखिला ले लेते हैं और उन्हें नौकरी का कोई मौका नहीं मिलता. इसके परिणामस्वरूप वे आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर होते हैं

 संजय वर्मा ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान एक समय ऐसा भी था, जब हर सप्ताह कम से कम दो छात्रों के शव कनाडा से भारत भेजे जाते थे. असफल होने के बाद छात्र अपने माता-पिता का सामना करने के बजाय आत्महत्या कर लेते थे.संजय वर्मा ने कहा कि छात्र वहां उज्ज्वल भविष्य का सपना लेकर जाते हैं, लेकिन उनके शव बॉडी बैग में वापस आते हैं.

'कॉलेज में पढ़ने से पहले जानकारी अच्छी तरह से लें ' 

उच्चायुक्त संजय वर्मा ने कहा कि वहां पर पढ़ाई का निर्णय लेने से पहले कालेजों के बारे में जानकारी अच्छे से ले लें. बेईमान एजेंट भी उन छात्रों की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार हैं, जो अल्पज्ञात कालेजों में प्रवेश पाते हैं. इस तरह के कई कॉलेज सप्ताह में शायद एक ही कक्षा संचालित करते हैं. चूंकि सप्ताह में एक बार कक्षा होती है, इसलिए वे सिर्फ उतना ही पढ़ेंगे और उनका कौशल विकास भी उसी हिसाब से होगा.

जमीनी हकीकत को जानें 

उन्होंने कहा कि इसके बाद आप देखेंगे कि इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर कोई छात्र कैब चला रहा है या किसी दुकान पर चाय-समोसा बेच रहा है. इसलिए वहां की जमीनी हकीकत बहुत उत्साहजनक नहीं है. भारतीय राजनयिक ने कहा कि कनाडा जाने के बाद छात्र फंस जाते हैं. उनमें से कई के माता-पिता ने अपनी जमीनें और अन्य संपत्तियां बेच दी होती हैं. उन्होंने कर्ज लिया होता है.

छात्र कर रहे हैं छात्र आत्महत्या

उनके मुताबिक इसके बाद छात्र वापस लौटने के बारे में नहीं सोच सकता, क्योंकि लौटने के लिए उसके पास कुछ भी नहीं बचा होता है. इसके परिणामस्वरूप आत्महत्याएं हो रही हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 18 महीनों में मैंने कई छात्रों से उनकी समस्याओं के बारे में वीडियो रिकॉर्ड करवाकर यूट्यूब पर अपलोड कराई है।

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26 October 2024, 06:18 AM IST

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