दुश्मन को मौत की नींद सुलाएगा भारत! फ्रांस के साथ अजीत डोभाल की राफेल वाली डील तय
Ajit Doval: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल फ्रांस की यात्रा पर हैं. डोभाल की इस यात्रा से राफेल एम लड़ाकू विमान को लेकर भारत को बड़ी कामयाबी मिलने वाली है. फ्रांस ने 26 राफेल मरीन जेट की खरीद के लिए भारत को फाइनल प्राइज ऑफर किया है. इसी डील को लेकर डोभाल फ्रांस में है.
Ajit Doval in France: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल फ्रांस दौरे पर हैं. डोभाल के मंगलवार को मैक्रों के कूटनीतिक सलाहकार इमैनुएल बोने के साथ रणनीतिक वार्ता की. ऐसा माना जा रहा है कि डोभाल की फ्रांसीसी राष्ट्रपति के साथ बैठक काफी सफल रही है. दोनों के बीच यूक्रेन युद्ध, गाजा में हमास के खिलाफ तथा लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायली युद्ध जैसे भूराजनीति पर विशेष चर्चा हुई है. पेरिस और नई दिल्ली स्थित अधिकारियों के अनुसार, राष्ट्रपति मैक्रों का मानना है कि भारत यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है.
पेरिस की अपनी यात्रा के दौरान अजीत डोभाल ने इमैनुएल मैक्रों के राजनयिक सलाहकार इमैनुएल बोने से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग तथा सामरिक महत्व के प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा की. डोभाल ने मैक्रों को प्रधानमंत्री मोदी की शुभकामनाएं दीं और 'क्षितिज 2047' रोडमैप को लागू करने की प्रतिबद्धता दोहराई. वहीं मैक्रों ने शांति को बढ़ावा देने और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के प्रयासों के महत्व पर भी बल दिया.
फ्रांस के साथ अजीत डोभाल की मीटिंग
होराइजन 2047 रोडमैप एक दीर्घकालिक रणनीति योजना है जो भारत और फ्रांस की द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करती है. खासकर जब वे भारत की स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ के करीब पहुंच रहे हैं. रोडमैप रक्षा और सुरक्षा, अंतरिक्ष और स्वच्छ ऊर्जा सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर केंद्रित है. भारत-फ्रांस रणनीतिक वार्ता के लिए पेरिस की अपनी यात्रा पर, अजीत डोभाल ने मैक्रों के कूटनीतिक सलाहकार इमैनुएल बोने के साथ चर्चा की. वार्ता में द्विपक्षीय सहयोग और रणनीतिक महत्व के प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा की गई, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत हुए.
अजीत डोभाल का फ्रांस दौरे का उद्देश्य
बता दें कि भारत के पास वर्तमान समय में भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन जेट खरीदने के लिए फ्रांस सरकार से बातचीत कर रहा है. इसमें कुछ जेट ऐसे हैं जो भारतीय वायु सेना के साथ पहले से ही सेवा में मौजूद हैं जो नौसैनिक संस्करण, एक विमानवाहक पोत पर तैनात किए जाएंगे. भारत तीन अतिरिक्त कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों के ऑर्डर पर भी अपनी नजर रख रहा है जो स्कॉर्पीन पनडुब्बी का एक संस्करण है. भारतीय नौसेना पहले से ही श्रेणी की छह पनडुब्बियां हासिल कर चुकी है.