इंडियन नेवी डे हर साल 4 दिसंबर को मनाया जाता है.भारतीय नौसेना भारतीयों के दिलों में एक अलग जगह रखता है और वे इसे बड़े गर्व साथ मनाते हैं. इस महत्वपूर्ण दिन को मनाने की तैयारी वास्तविक तिथि के पहले से ही शुरू हो जाती है. भारतीय नौसेना 4 दिसंबर के दिन गर्व से अपनी ताकत और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करती है. आज ही के दिन Indian Navy "ऑपरेशन ट्राइडेंट" के जश्न के रूप में मनाती है. साल 1971 में आज के ही दिन भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के दौरान कराची हार्बर में भारतीय नौसेना द्वारा ऑपरेशन शुरू किया गया था. इसीकारण नौसेना इस दिन को भव्य तरीके के साथ मनाती है.
इतिहास की बात करें तो ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1612 में नौसेना का गठन किया. 1686 में इंडियन नेवी का नाम ‘ईस्ट इंडिया मरीन’ से बदल कर ‘बॉम्बे मरीन’ कर दिया गया. इसके बाद 1830 में ‘बॉम्बे मरीन’ का नाम चेंज ‘ब्रिटिश महारानी की भारतीय नौसेना’ कर दिया गया. 1863 से 1877 तक फिर इसका नाम ‘बॉम्बे मरीन’ किया गया. 1892 में इसे ‘रॉयल इंडियन नेवी’ का नाम भी दिया गया. देश की आजादी के बाद, 1950 में इसका नाम बदल कर ‘भारतीय नौसेना’ कर दिया गया. वीर शिवाजी के काल से लेकर अंग्रेजों के शासन तक भारत की नौसेना का योगदान पूरी दुनिया हमेशा याद करती है. पहले और दूसरे विश्व युद्ध में भी भारतीय नौसेना ने अहम किरदार निभाया था.पिछले साल 2 सितंबर को नौसेना का ध्वज बदला गया और भारतीय नौसेना को नई पहचान मिली।
Indian Navy भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध के दौरान से अस्तित्व में आया. बांग्लादेश को पाकिस्तान से बाहर कर उसे एक स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा दिलाने की यह लड़ाई 3 दिसंबर 1971 से शुरू होकर 16 दिसंबर 1971 तक चली थी. इस युद्ध के परिणाम के बाद बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर में दुनिया के नक्शे पर अपना अस्तित्व बनाने में कायम हो सका. इस युद्ध के दौरान इंडियन नेवी में 4 दिसंबर 1971 की रात में ऑपरेशन ट्राइडेंट लॉन्च किया था. 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' पाकिस्तान के कराची बंदरगाह से ऑपरेशन चंगेज खान की जवाबी कार्यवाही में थी. Indian Navy का यह अभियान सफल रहा. भारतीय नौसेना के जवानों ने 1971 में 4 दिसंबर के दिन पाकिस्तान के कराची बंदरगाह को बमबारी करके तबाह कर दिया था. इस हमले में सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिक भी मारे गए.
Indian Navy ने ऑपरेशन कैक्टस भी चलाया
इस दौरान पाकिस्तान की पीएनएस गाजी पनडुब्बी को भारतीय नौसेना के जवानों ने पानी में डुबा दिया था. इसमें INS विक्रांत की अहम भूमिका थी.
इस अभियान का सफलतापूर्वक नेतृत्व कमोडोर कासरगोड पट्टनशेट्टी गोपाल राव ने किया. इस अभियान में भारतीय नौसेना को सफलता मिली और इसी वजह से भारतीय आज (4 दिसंबर) के दिन को याद करते हैं. इस अभियान के बाद भारतीय नौसेना की ओर से ऑपरेशन कैक्टस भी चलाया.
भारतीय नौसेना दिवस देश की सेवा करने वाले वीरों को श्रद्धांजलि देने का दिन है. यह अवसर उन बहादुर दिलों को याद करने का दिन है हमारे देश कि रक्षा के लिए सर्वोच्य योगदान दिया. इस अवसर पर भारतीय नौसैनिक परेड, प्रदर्शनी और नवीनतम नौसैनिक प्रौद्योगिकियों की क्षमता का भी प्रदर्शन करते हैं. यह दिन भारतीय समुद्री सीमा की सुरक्षा के महत्व को भी बताने का भी अवसर है.
First Updated : Monday, 04 December 2023