कल्पना नहीं सच में है मिल गया 'पताल लोग में जाने का रास्ता', हिंद महासागर का खुल गया सबसे बड़ा रहस्य
वैज्ञानिकों ने बड़ा काम कर दिखाया है। दरअसल हिंद महासागर में एक विशालकाय गड्ढा है उसका रहस्य उन्होंने सुलझ लिया है। अब यह भी पता चल गया है कि इसकी उत्पत्ति की कहानी क्या है। वैज्ञानिकों का मानना है कि पाताल लोग को भी रास्ता इसी गड्ढे से होकर जाता है। आइए जानते है इसकी पूरी कहानी.
नई दिल्ली. समुद्र में धरती का बड़ा हिस्सा है जो कि रहस्यमय चीजों से भरा पड़ा है. ऐसा ही एक अद्भुत रहस्यमय स्थान है जो भारत के दक्षिण में हिंद महागासर में है. 1200 किलोमीटर दूर हिंद महासागर में स्थित एक ऐसा ही अद्भुत और रहस्यमय स्थान है, जिसे वैज्ञानिक 'ग्रेविटी होल' कहते हैं। यहां समुद्र का पानी अन्य स्थानों की तुलना में 348 फीट नीचे है। गड्ढे ने वर्षों से वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को चौंकाया है। हाल ही में इसका रहस्य वैज्ञानिकों ने उजागर किया है।
क्या है यह 'ग्रेविटी होल'?
हिंद महासागर के इस क्षेत्र में समुद्र का स्तर सामान्य से काफी नीचे है। यह गड्ढा लगभग 31 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। इसे 'पाताल का दरवाजा' भी कहा गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस क्षेत्र में गुरुत्वाकर्षण खिंचाव कमजोर है, जिसके कारण पानी का स्तर नीचे चला गया है। यह गड्ढा प्रकृति की एक अनोखी रचना है, जिसे 1948 में खोजा गया था।
कैसे बना यह रहस्यमय क्षेत्र?
2023 में जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन ने इस रहस्य से पर्दा उठाया। वैज्ञानिकों ने 19 कम्प्यूटर मॉडल्स का उपयोग कर इस क्षेत्र के निर्माण की प्रक्रिया को समझा। अध्ययन में पाया गया कि यह 14 करोड़ साल पहले बना था और इसका संबंध एक प्राचीन सागर टेथीज सागर से है।
टेथीज सागर और गोंडवाना का टूटना
टेथीज सागर, जो अब विलुप्त हो चुका है, इस गड्ढे के निर्माण का मुख्य कारण है। लगभग 18 करोड़ साल पहले, जब गोंडवाना महाद्वीप टूट रहा था, तब टेथीज सागर का तल धीरे-धीरे यूरेशियन प्लेट के नीचे दब गया। गोंडवाना, जिसमें आज का भारत, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, और अंटार्कटिका शामिल थे, पृथ्वी का एक प्राचीन महाद्वीप था।
जैसे-जैसे भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट की ओर खिसकती गई, टेथीज सागर का तल पृथ्वी के मेंटल के नीचे चला गया। यह तल मैग्मा के संपर्क में आने से पिघलने लगा। इसका घनत्व कम हो गया, और परिणामस्वरूप गुरुत्वाकर्षण खिंचाव कमजोर पड़ गया। इसी वजह से इस क्षेत्र में समुद्र का स्तर बाकी दुनिया से नीचे चला गया।
विज्ञान ने हटाया रहस्य का पर्दा
1948 से वैज्ञानिक इस क्षेत्र के रहस्य को सुलझाने की कोशिश कर रहे थे। 2023 के अध्ययन ने स्पष्ट किया कि यह गड्ढा भूगर्भीय प्रक्रियाओं का परिणाम है। यह दिखाता है कि पृथ्वी के अतीत में हुए महाद्वीपीय बदलाव आज भी उसके स्वरूप को प्रभावित कर रहे हैं।
भूगर्भीय गतिशीलता का एक अद्भुत उदाहरण
यहां ये समझने में मदद करता है कि वैज्ञानिक बड़ी से बड़ी चीजों का हल निकाल लेता है. उसी के तहत वैज्ञानिकों ने 'ग्रेविटी होल' की पहेली भी सुलझा ली। बल्कि यह पृथ्वी की भूगर्भीय गतिशीलता का एक अद्भुत उदाहरण भी है। यह हमें यह समझने में मदद करता है कि प्रकृति कैसे समय के साथ अपनी रहस्यमय रचनाओं को आकार देती है।