Indian Origins: भारतीय कहाँ से आये? नए शोध में चौंकाने वाला खुलासा

Indian Origins: मानव आबादी में पाए जाने वाले लगभग 90% निएंडरथल जीन भारतीय वंश के 2,700 व्यक्तियों के जीनोम में मौजूद थे जिनका अध्ययन किया गया था.

Shabnaz Khanam
Shabnaz Khanam

Indian Origins: आपने कभी सोचा है कि भारत में जो लोग हैं वो कहां से आए होंगे. दुनिया को आबाद करने के लिए सभी ने कहीं ना कहीं से कूच किया होगा. तो सवाल ये उचता है कि आखरि भारतीय कहाँ से आये? इस मुद्दे पर कई बार बहस हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई सही जवाब नहीं मिल पाया था. लंबे समय से बहस के इस मुद्दे पर कई सिद्धांत हैं, जिसमें आर्कटिक होम सिद्धांत से लेकर स्टेप्स को पार करने से लेकर दक्षिण एशिया में प्रवेश तक. अब एक नए आनुवंशिक अध्ययन में एक आश्चर्यजनक खोज सामने आई है जो भारतीयों के ओरिजिन हिस्ट्री को और अधिक पुख्ता करती है. 

भारतीय वंश की जड़ें

नए अध्ययन में भारतीय वंश की जड़ें तीन प्राचीन समूहों और 50,000 साल पहले शुरू हुए प्रवासन में पाई गई हैं. इन तीन समूहों में यूरेशियन स्टेपी पशुपालक, और दक्षिण एशियाई शिकारी संग्रहकर्ता शामिल हैं. 

इंडिया टुडे के मुताबिक, इस अध्ययन को प्रकासित करने में ऑल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स), मिशिगन यूनिवर्सिटी, पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन, यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया और यूसी बर्कले के शोधकर्ता शामिल थे. 

कहां से आए भारतीय? 

जीनोमिक विश्लेषण ने शोधकर्ताओं के साथ-साथ सभी को चौंका दिया है. इसमें कहा गया कि 'जीन में निएंडरथल और उनके करीबी विकासवादी चचेरे भाई डेनिसोवन्स के जीन की विविधता मिली.' इस खोज को और भी अजीब बनाने वाली बात यह है कि अब तक भारत में डेनिसोवन्स के किसी भी जीवाश्म की कोई खोज नहीं हुई है. 

अध्ययन से पता चला कि भारतीयों में अंतर्विवाह की ओर एक बड़ा जनसांख्यिकीय बदलाव आया, जहां लोगों ने अपने समुदायों के अंदर ही शादी करनी शुरू कर दी. जिसका मतलब है कि उन्होंने एक ही पृष्ठभूमि या समूह के लोगों से विवाह किया. इससे उनके जीनों में बहुत सारी समानताएँ पैदा हुईं, जिससे वे आनुवंशिक रूप से अधिक समान हो गए. 

वैज्ञानिकों ने ईरानी मूल की आबादी से प्राचीन डीएनए की जांच की जो भारत में आनुवंशिक प्रभाव से पहले मौजूद थे. उन्होंने यह पहचानने के लिए सिमुलेशन आयोजित किया कि किसके जीन आधुनिक भारतीयों में देखे गए पैटर्न से सबसे अधिक मिलते जुलते हैं. वर्तमान ताजिकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित एक प्राचीन कृषि केंद्र, साराज़म से आने वाले किसानों के डीएनए में सबसे उपयुक्त मिलान पाया गया. मानव आबादी में पाए जाने वाले लगभग 90% निएंडरथल जीन भारतीय वंश के 2,700 व्यक्तियों के जीनोम में मौजूद थे जिनका अध्ययन किया गया था. 

पेपर में क्या लिखा है?

रिसर्च में लिखा गया कि 'अगर हम लंबी अवधि में पीछे मुड़कर देखें, तो भारतीयों की वंशावली का लगभग 1-2% निएंडरथल और डेनिसोवन्स जैसे प्राचीन मानव समूहों के साथ मिश्रण से आता है.' अध्ययन ने आगे पुष्टि की कि भारतीयों में अधिकांश आनुवंशिक भिन्नताएं लगभग 50,000 साल पहले अफ्रीका से बाहर हुए एक ही प्रमुख प्रवासन से उत्पन्न हुई हैं. आगे कहा गया कि 'ये विश्लेषण भारत के जनसंख्या इतिहास को बड़े पैमाने पर दर्शाते हैं और यूरोप के बाहर विविध समूहों में जीनोमिक सर्वेक्षण के विस्तार के महत्व को भी बताते हैं.'

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06 March 2024, 08:16 AM IST

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