जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास का अनुच्छेद 370 के हटने से कोई संबंध नहीं है. अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि बुनियादी ढांचा परियोजनाएं 5 अगस्त, 2019 के बाद शुरू नहीं हुईं और इनका योजनाबद्ध रूप से कार्यान्वयन किया गया था, चाहे अनुच्छेद 370 हटा हो या नहीं.
अब्दुल्ला ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि घाटी में बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी का 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने लोगों से इन परियोजनाओं को राजनीति से जोड़ने से बचने की अपील की.
अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आने की बात पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी गतिविधियां कम हुई हैं और घाटी में स्थिति में अब काफी सुधार हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2008, 2010 और 2016 में प्रमुख रूप से होने वाली पत्थरबाजी और विरोध प्रदर्शन जैसी गतिविधियों में काफी कमी आई है. हालांकि, यह आंशिक रूप से सरकार के कड़े उपायों के कारण है.
उमर अब्दुल्ला ने यह भी माना कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है, और घाटी की स्थिति में सुधार हुआ है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के कड़े उपायों का भी इसमें योगदान है. अब्दुल्ला ने शासन में निष्पक्षता और न्याय का आह्वान किया. इस दौरान उन्होंने कहा, "अगर ज़मीन पर बदलाव लोगों के दिल में सच्चे बदलाव की वजह से है, तो यह सराहनीय है. लेकिन अगर यह डर से उपजा है, तो ऐसी प्रगति की स्थिरता पर सवाल उठाना चाहिए. जम्मू-कश्मीर में मौजूदा स्थिति दोनों का मिश्रण है."
आपको बता दें कि उमर अब्दुल्ला का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जम्मू-कश्मीर यात्रा से पहले आया है, जिसमें वह सोनमर्ग में 6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन करेंगे, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यात्रा का समय भी कम होगा. अब्दुल्ला ने शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी की सोमवार की यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए सोनमर्ग का दौरा किया और कहा कि सुरंग के खुलने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और श्रीनगर से कारगिल और लेह तक यात्रा का समय कम होगा. First Updated : Monday, 13 January 2025