मेरे साथ की गई नाइंसाफी, गहलोत सरकार के 60 प्रतिशत से ज्यादा मंत्री हैं दोषी: राजेंद्र सिंह गुढ़ा

अपनी ही सरकार पर महिला असुरक्षा के आरोप लगाने वाले राजेंद्र सिंह गुढ़ा को सीएम गहलोत ने बर्खास्त कर दिया था. बर्खास्त होने के बाद से ही गुढ़ा लगातार अपनी सरकार पर हमलावर दिख रहे हैं.

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राजस्थान की सियासत में मची उथल-पुथल थमने का नाम नहीं ले रही है. मणिपुर से वायरल हुए दो महिलाओं के निर्वस्त्र वीडियो के बाद देश भर में महिला सुरक्षा की बहस तेज हो गई. इस बहस की आग की सबसे ज्यादा लपटें राजस्थान की ओर गईं. राजस्थान में एक नई बहस ने जन्म ले लिया और चारो ओर एक ही आवज उठने लगी की राजस्थान में महिला अपराधों के मामले सबसे ज्यादा आ रहे हैं. कुछ दिन पहले ही गहलोत सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने अपनी ही सरकार पर प्रश्न खड़ा कर दिया था जिसके बाद सीएम गहलोत ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था. 

अपनी ही सरकार पर महिला असुरक्षा के आरोप लगाने वाले राजेंद्र सिंह गुढ़ा को सीएम गहलोत ने बर्खास्त कर दिया था. बर्खास्त होने के बाद से ही गुढ़ा लगातार अपनी सरकार पर हमलावर दिख रहे हैं. मंगलवार को गुढ़ा ने मीडिया से बातचीत में कहा सरकार ने उनके खिलाफ नाइंसाफी की है. सीएम को मुझसे इस्तीफा मांग लेना चाहिए था, मुझे नोटिस भी भेज सकते थे या बता भी सकते थे लेकिन उन्होने सीधा बर्खास्त कर दिया.

गुढ़ा ने कहा कि उन्हें विधानसभा में वक्तव्य नहीं देने दिया गया. गहलोत सरकार के सभी मंत्रियों पर आरोप लगाते हुए गुढ़ा ने कहा कि अगर सभी मंत्रियों का नार्को टेस्ट करा लिया जाए तो 60% से ज्यादा मंत्री दोषी पाए जाएंगे अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं सदा के लिए राजनीति छोड़ दूंगा. 

बता दें सोमवार को ही गुढ़ा ने विधानसभी में लाल डायरी लहराई थी. उनका कहना है कि इस डायरी में गहलोत सरकार का काला चिट्ठा दर्ज है. अगर इस डायरी का राज बाहर आ जाए तो गहलेत के सरकार बचाना मुश्किल हो जाएगा. बता दें कि गुढ़ा को कल विधानसभा से बाहर निकाल दिया गया था. जिसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए वह भावुक नजर आए. 

First Updated : Tuesday, 25 July 2023