INS Arighat: आज भारत अपनी दूसरी परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी INS अरिघात को नौसेना में शामिल करेगा, जो K-15 मिसाइलों जैसी परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइलों से सुसज्जित है. यह 112 मीटर लंबी पनडुब्बी विशाखापत्तनम के गोपनीय शिपबिल्डिंग सेंटर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा एवं सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति में नौसेना में शामिल होगी.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 6000 टन वजनी INS अरिघात लंबी परीक्षाओं और तकनीकी उन्नयन के बाद अब पूरी तरह से तैयार है. यह पनडुब्बी INS अरिहंत के साथ मिलकर भारत की समुद्री सुरक्षा को और अधिक सशक्त करेगी. INS अरिहंत को 2018 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था.
INS अरिघात, INS अरिहंत की तुलना में अधिक K-15 मिसाइलें ले जाने में सक्षम है। दोनों पनडुब्बियां 83 मेगावाट के दबाव वाले लाइट वाटर रिएक्टर से संचालित होती हैं और लंबे समय तक पानी में डूबी रह सकती हैं।
अगले वर्ष भारतीय नौसेना की ताकत में और वृद्धि होगी जब तीसरी SSBN (परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइलों वाली पनडुब्बी) भी नौसेना में शामिल की जाएगी, जिसका नाम INS अरिदमन होगा. इसके साथ ही चौथी SSBN का निर्माण भी जारी है, जो 90,000 करोड़ रुपये की उन्नत प्रौद्योगिकी परियोजना का हिस्सा है.
INS अरिघात भारतीय नौसेना में दुश्मनों के लिए एक और बड़ा खतरा साबित होगी. इस पनडुब्बी के समावेश से भारत की समुद्री ताकत बढ़ेगी और चीन-पाकिस्तान जैसे देशों में भी हलचल मचाएगी. INS अरिघात को भारतीय नौसेना में शामिल करने के साथ ही भारत की समुद्री सुरक्षा और भी मजबूत हो जाएगी. First Updated : Thursday, 29 August 2024