Interim Budget 2024 : अब रेल बजट अलग से क्यों पेश नहीं होता? कब से बना आम बजट का हिस्सा?
Interim Budget 2024: 2016 में मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 92 साल पुरानी प्रथा को खत्म कर दिया था और साल 2017 से रेलवे बजट की घोषणाएं भी आम बजट के साथ होने लगीं. इससे पहले तक यह परंपरा थी कि रेल मंत्री आम बजट से एक दिन पहले रेल बजट संसद में पेश करते थे.
Interim Budget 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मोदी सरकार 2.0 का वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश कर दिया. बजट के पहले हिस्से में वित्त मंत्री ने मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनवाईं. कहा कि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बन जाएगा. इस आम बजट में किसानों, नौकरीपेशा लोगों समते अन्य के लिए बजट पेश किया गया. पहले रेल बजट अलग से पेश होता था, लेकिन इस बार भी आम बजट में ही रेल बजट पेश किया गया. 2016 में रेल बजट को आम बजट के साथ ही मर्ज कर दिया गया था और 1 फरवरी, 2017 को पहला संयुक्त बजट संसद में पेश किया गया.
2016 में मोदी सरकार ने किया बड़ा बदलाव
रेलवे के लिए अलग बजट की प्रथा साल 1924 में शुरू हुई थी और साल 2017 तक यह परंपरा कायम रहीं. लेकिन इसके बाद से आम बजट के साथ ही रेल बजट पेश किया जाने लगा. साल 1924 में रेलवे के लिए अलग बजट की सिफारिश एकवर्थ समिति ने की थी. वहीं 2016 में मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 92 साल पुरानी प्रथा को खत्म कर दिया था और साल 2017 से रेलवे बजट की घोषणाएं भी आम बजट के साथ होने लगीं. इससे पहले तक यह परंपरा थी कि रेल मंत्री आम बजट से एक दिन पहले रेल बजट संसद में पेश करते थे.
किसने दी थी यह सलाह
केंद्र की मोदी सरकार को नीति आयोग ने आम बजट के साथ रेल बजट को मर्ज करने की सलाह दी थी. नीति आयोग ने सरकार को दशकों पुरानी इस परंपरा को खत्म करने की सलाह दी थी. काफी विचार-विमर्श और अलग-अलग अथॉरिटीज के साथ मंथन के बाद सरकार ने रेलवे बजट को आम बजट में मिलाने का फैसला किया था.
देश का पहला रेल बजट कब पेश किया गया
भारत का पहला रेल बजट ब्रिटिश शासन में 1924 में पेश किया गया था. यह आम बजट से अलग पहला रेल बजट था. इसके पहले रेल बजट को आम बजट के साथ प्रस्तुत किया जाता था. 1920-21 में एक्वर्थ कमेटी ने रेल बजट को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें रेल बजट को आम बजट से अलग से पेश करने की सिफारिश की गई थी.