Internatinal Literacy Day: क्या है विश्व साक्षरता दिवस और इसका जीवन में महत्व, जानें सब कुछ
Internatinal Literacy Day: पहली बार यूनेस्को में साक्षरता दिवस मनाने का फैसला किया गया था. तभी से इस दिन शुरुआत हुई और हर साल 8 सितंबर को साक्षरता दिवस मनाया जाने लगा.
हाइलाइट
- साक्षरता दिवस हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है भारत में इसका काफी महत्व है.
Internatinal Literacy Day: साक्षरता दिवस हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है भारत में इसका काफी महत्व है. शिक्षा हमारे लिए कितनी जरूरी है तो आप सभी जानते ही हैं. बिना शिक्षा के हमारे जीवन व्यर्थ है. जीवन को समझने के लिए शिक्षा अहम होती है. हमारे देश में आज भी ऐसे लोग मौजूद हैं जो शिक्षा से दूर भागते हैं तो वहीं कई लोगों की आर्थिक स्थिति इतनी खराब होती है कि वह ना तो खुद पड़ पाते हैं और न ही अपने बच्चों को पढ़ा पाते हैं.
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है. साक्षरता का अभिप्राय साक्षर होने से ही है यानी की संपूर्ण रूप से जो भी व्यक्ति किसी व्यक्तिगत भाषा को पढ़ सकता है. लिख सकता है, उसे याद कर सकता है वह साक्षर कहलाता है. साक्षरता सभी देशों में अलग-अलग माना गया है.
साक्षरता दिवस का उद्देश्य
इसके अलावा दुनिया में कोई भी नागरिक निरक्षर न हो, इस उद्देश्य से साक्षरता दिवस मनाया जाता है. पढ़ना लिखना आने से उस व्यक्ति की उन्नति होती है साथ ही समाज और देश का बेहतर विकास होता है. साक्षरता दिवस के मौके पर पढ़ने लिखने की उपयोगिता के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है. उन्हें साक्षरता के लाभ समझाएं जाते हैं.
पहली बार कब मनाया गया साक्षरता दिवस
यूनेस्को में पहली बार 1965 में विश्व स्तर पर साक्षरता दिवस मनाने का फैसला किया था. तभी से इस साक्षरता दिवस की शुरुआत भारत में हुई इसीलिए हर साल इसे 8 सितंबर के दिन मनाया जाता है. पहली बार जब इस दिवस को मनाया गया तो सभी लोगों को शिक्षा का महत्व समझाया गया था. विश्व का उद्देश्य साक्षरता दिवस पर लोगो को जागरूक करना है. ताकि भारत में कोई अशिक्षित व्यक्ति न हो सकें. शिक्षा हमारे जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण है.