Ayodhya Ram Mandir: लोकसभा चुनाव से पहले इस महीने की 22 तारीख को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, इस समारोह में शामिल होने के लिए राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने करीब 7 हजार लोगों को न्योता दिया गया है. इसमें देश की प्रमुख राजनैतिक पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन, सोनिया गांधी से लेकर कम्युनिष्ट नेताओं को न्योता भेजा गया है. सीताराम येचुरी ने कहा कि वह इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नहीं जाएंगे. लेकिन गठबंधन के अन्य दलों ने वहां जाने के लिए साफ नहीं किया है कि वह प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में जाएंगे या नहीं.
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मीडिया की खबरों सुर्खियां बनने लगी थी कि सोनिया गांधी इस समारोह में शामिल होने के लिए राम मंदिर जाएंगी. लेकिन बीते शुक्रवार को कांग्रेस ने साफ कहा कि अभी समारोह में शामिल होने के लिए कुछ पक्का नहीं है. लेकिन समय आने पर इसकी घोषणा कर दी जाएगी. कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश पहले ही कह चुके हैं कि वक्त आने पर इसकी घोषणा कर दी जाएगी. लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट इस बात का दावा कर रही है कांग्रेस की इस भव्य कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 100 फीसदी चांस है.
कांग्रेस नेता अनाम ने कहा कि कहा कि हम बीजेपी-आरएसएस से ज्यादा धार्मिक हैं और वह केवल धर्म का इस्तेमाल राजनैतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं. लेकिन हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और क्योंकि धर्मनिरपेक्ष विचारधारा को मानते हैं. इसलिए हम राम मंदिर का बहिष्कार क्यों करेंगे? 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा में पीएम मोदी शामिल होंगे. वह दोपहर में करीब 12:15 बजे गर्भगृह में अनुष्ठान करेंगे.
लोगों के बीच एक सवाल तेजी से उठ रहा है कि कांग्रेस राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन जाने के नाम क्यों नहीं ले रही है? इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी हैरानी के साथ कहा था कि 90 के दशक में वह इसका समाधान कानूनी तरीके से खोजना चाहती है. इस लिहाज कांग्रेस को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए. उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद ढहाने के बाद कभी किसी चुनाव यह इतना बड़ा मुद्दा नहीं रहा लेकिन इस बार बीजेपी ने इस मामले के भुना दिया है. जानकारों का मानना है कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी नरेंद्र मोदी जैसी मजबूत शख्सियत के साथ राम मंदिर का मुद्दा लेकर पब्लिक के बीच जाएगी.
बीजेपी के इस काट का जवाब कांग्रेस को दिखता नजर नहीं आ रहा है, कांग्रेस इसलिए कई दफा कार्यक्रम से साइड लाइन होती दिख रही है. अगर कांग्रेस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होती है तो यह खबर तेजी से फैलेगी की नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की नींव रखने के साथ विपक्षी दलों के साथ कांग्रेस को भी राम की शरण में आने के लिए मजबूर कर दिया है. अगर कांग्रेस नहीं जाती है तो लोगों के बीच यह मैसेज जाएगा कि कांग्रेस हिंदू धर्म की विरोधी रही है. यहीं सबसे बड़ा कारण बन गया है कि अब कांग्रेस कौन से विकल्प को चुनना है. First Updated : Thursday, 04 January 2024