आतंकी है या पाक के एक्स आर्मी मैन? जम्मू में हमलों पर खुफिया इनपुट से खलबली
पिछले कुछ महीनों में जम्मू क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों में उछाल दिखी है, कश्मीर घाटी के मुकाबले जम्मू काफी शांत माना जाता है. लेकिन इसकी वजह क्या है और ऐसा करने के पीछे कौन हो सकता है? दरअसल खुफिया अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में हाल के हमलों में शामिल आतंकवादी पाकिस्तान के एक्स आर्मी मैन या गुरिल्ला युद्ध में प्रशिक्षित आतंकवादी हो सकते हैं.
जम्मू-कश्मीर में लगातार कई दिनों से आतंकवाद का प्रकोप काफी ज्यादा बढ़ गया है. 1 महीने के अंदर लगभग 12 सेना के जवान शहीद हुए हैं. कई जगहों पर हुई मुठभेड़ में कुछ आतंकवादी भी मारे गए हैं. लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान सेना का हुआ है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर इन हमलों के पीछे कौन है. दरअसल खुफिया अधिकारियों ने बताया कि दूरबीन से लैस एम-4 अमेरिकी कार्बाइन, चीनी स्टील कोर बुलेट और सटीक फायरिंग से पता चलता है कि क्षेत्र में हाल के हमलों में शामिल आतंकवादी पाकिस्तानी सेना के विशेष सेवा समूह (एसएसजी) के एक्स आर्मी मैन या गुरिल्ला युद्ध में प्रशिक्षित आतंकवादी हो सकते हैं.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने भी अपना नाम उजागर न करने की शर्त पर खुफिया एजेंसियों के दावों की पुष्टि की. एम4 कार्बाइन और चीनी स्टील कोर बुलेट का पहली बार इस्तेमाल पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 20 अप्रैल 2023 को पुंछ के तोता गली इलाके में सेना के ट्रक पर घात लगाकर किए गए हमले के दौरान किया था, जिसमें पांच जवान शहीद हो गए थे. उन्होंने कहा कि हम निश्चित रूप से यह पुष्टि नहीं कर सकते कि आतंकवादियों में कुछ पूर्व पाकिस्तानी सेना के सैनिक भी हैं.
हमलों के पीछे प्रशिक्षित आतंकवादी होने की आशंका
खुफिया इनपुट ने बताया कि 'वे या तो एक्स आर्मी मैन हैं या गुरिल्ला युद्ध में अच्छी तरह प्रशिक्षित आतंकवादी हैं. हम घने जंगलों में अत्याधुनिक हथियारों से लैस युद्ध-प्रशिक्षित आतंकवादियों का सामना कर रहे हैं.' एम4 कार्बाइन को 1980 के दशक में अमेरिका में एम16ए2 असॉल्ट राइफल के रूप में बनाया गया था और यह अमेरिकी सेना का पहला पैदल सेना हथियार और सर्विस राइफल था. यह हथियार चीनी स्टील कोर गोला-बारूद एक कारतूस है जिसमें एक स्टील कोर होता है, जो धातु के जैकेट या कोटिंग से बना होता है, जिसमें गहरी पैठ और कवच-भेदी क्षमता होती है.
जम्मू क्षेत्र में मौजूदा हालात चिंता का विषय
पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डॉ. एसपी वैद ने कहा, 'जम्मू क्षेत्र में विकसित हो रहे मौजूदा हालात गंभीर चिंता का विषय हैं. तत्काल कार्रवाई समय की मांग है. पाकिस्तान सेना के कुछ नियमित लोग जम्मू क्षेत्र के कुछ स्थानीय आतंकवादियों के साथ मिलकर इन आतंकवादी समूहों का मार्गदर्शन कर रहे हैं, जो पहले सीमा पार करके पाकिस्तान में बस गए थे.' ऐसी खुफिया रिपोर्ट मिली हैं, जिनसे संकेत मिलता है कि अफगानिस्तान में अमेरिका द्वारा छोड़े गए हथियार अब पाकिस्तान के रास्ते जम्मू-कश्मीर में पहुंच रहे हैं.
आतंकवादी गतिविधियां पिछले दो सालों में बढ़ी
जम्मू और कश्मीर क्षेत्र को विभाजित करने वाले पीर पंजाल पर्वत के दक्षिणी इलाकों में, जिसमें राजौरी-पुंछ सेक्टर भी शामिल है, यहां आतंकवादी गतिविधियां पिछले दो सालों में बढ़ गई हैं. सेना ने इस क्षेत्र में और अधिक सैनिक भेजे हैं, और आतंकवाद-रोधी अभियानों के लिए खुफिया नेटवर्क को मजबूत किया है.