Technical glitch in Microsoft servers: दुनिया भर में आज यानि शुक्रवार को लोगों के बड़ी समस्या से जूझना पड़ा. दरअसल माइक्रोसॉफ्ट 365 की सेवाओं बंद होने से दुनियाभर के करोड़ो सिस्टम बंद हो गए, जिसका सिधा असर एयरलाइंस, बैंकिग सेवाओं के अलावा और भी प्रमुख क्षेत्रों पर देखने को मिला. इससे यूजर्स का काम करना मुश्किल हो गया है. कुछ समय के लिए पैनिक की स्थिति बन गई लेकिन जब पता चला कि माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में तकनीकी गड़बड़ी है तो लोगों ने राहत की सांस ली.
हालांकि, इस दौरान काम रुका रहा. अभी भी माइक्रोसॉफ्ट अपने सर्वर में सुधार का काम कर रहा है. इस संबंध में कंपनी ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है. वहीं कई लोग Microsoft ठप होने के पीछे Russia से कनेक्शन बता रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट में आई खराबी की वजह से कंप्यूटर या लैपटॉप की स्क्रीन अचानक नीली हो जा रही है और सिस्टम खुद रीस्टार्ट हो रहे हैं. माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में दिक्कत से कई उद्योगों का काम प्रभावित हुआ है. तकनीकी सेवाएं ठप पड़ गई हैं. माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि दिक्कत दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
इस बीच सर्वर के ठप होने के पीछे की वजह पर बात करें तो इसे क्राउडस्ट्राइक कहा जा रहा है जो कि एक साइबर सिक्योरिटी कंपनी है जो माइक्रोसॉफ्ट और कई दूसरे प्लेटफॉर्म को साइबर अटैक से बचाने का काम करती है. जिसको लेकर कंपनी ने एक बड़ा अपडेट जारी किया था, जिसकी वजह से लोगों को यह परेशानी आ रही है। वहीं, कुछ लोग इसे साइबर अटैक से जोड़ रहे हैं।
इस बीच मामले पर जानकारी देते हुए क्राउडस्ट्राइक के सीईओ जॉर्ज कर्ट्ज ने इस बारे में एक्स पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि क्राउडस्ट्राइक विंडोज होस्ट के लिए एक ही कंटेंट अपडेट में पाई गई खामी से प्रभावित ग्राहकों के साथ एक्टिव होकर काम कर रहा है. मैक और लिनक्स होस्ट प्रभावित नहीं हैं. यह कोई सुरक्षा घटना या साइबर हमला नहीं है. समस्या की पहचान कर ली गई है, उसे अलग कर दिया गया है और उसका समाधान कर दिया गया है.
इस बीच दुनियाभर में माइक्रोसॉफ्ट 365 का सर्वर डाउन होने के चलते प्रभावित लोगों के मन में यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या ये कोई साइबर अटैक है या तकनीकि गड़बड़ी? जिसके बाद इस सवाल के जवाब में साइबर एक्सपर्ट साफ तौर पर इसे साइबर हमला नहीं कह रहे हैं. लेकिन वे इसकी संभावना से इनकार भी नहीं कर रहे हैं. डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, टेक एक्सपर्ट जेक मूर ने कहा कि यह क्राउडस्ट्राइक की तकनीकी खराबी है, लेकिन उन्होंने साइबर हमले की संभावना से इनकार नहीं किया है.
इस दौरान सोशल मीडिया पर लगातार ऐसे पोस्ट देखने को मिल रहे हैं जिसमें कहा जा रहा है कि यह एक तरह का साइबर अटैक है. हलांकि कई एक्सपर्ट ने भी इस बात पर अपनी सहमति दर्ज की है, क्योंकि जब भी साइबर अटैक हुआ है, ऐसे मामले देखने को मिले हैं. साइबर अटैक में अटैकर सर्विस को प्रभावित करते हैं. सर्विस को रोकने के कई तरीके हैं, जिनमें से एक DDOS अटैक है. इस तरह के अटैक में भी एक साथ कई रिक्वेस्ट देने से सर्वर प्रभावित होता है.
इस बीच सैकड़ों सिस्टम के ठप होने पर माइक्रोसॉफ्ट संकट का कनेक्शन कहीं ना कहीं रूस से होने पर सवाल खड़े हो रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार, इस कंपनी की शुरुआत साल 2012 में हुई थी. इसे जॉर्ज कर्ट्ज, दिमित्री अल्परोविच और ग्रेग मार्स्टन ने शुरू किया था. दिमित्री अल्परोविच इसके सह-संस्थापक होने के साथ-साथ पूर्व CTO भी हैं.
उनका परिवार 1994 में रूस से अमेरिका शिफ्ट हो गया था. 1980 में जन्मे दिमित्री अल्परोविच फरवरी 2020 में इस कंपनी से अलग हो गए. उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कुछ अटकलें भी लगाई थीं. रूस ने उनके अपने देश में प्रवेश पर बैन लगा दिया है.
First Updated : Friday, 19 July 2024