क्या चुनाव आयोग रोक रहा है AAP के उम्मीदवार की जीत? अरविंद केजरीवाल ने किया बड़ा खुलासा!'
अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि पटपड़गंज से पार्टी के उम्मीदवार अवध ओझा की वोटर आईडी समय पर नहीं बन पाई, जिससे उनका नामांकन फंस सकता है। केजरीवाल ने सवाल उठाया कि क्या चुनाव आयोग जानबूझकर ओझा को चुनाव से बाहर करना चाहता है? इसके साथ ही, उन्होंने जाट आरक्षण के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार से जवाब मांगा। क्या ओझा का चुनावी रास्ता रुकेगा? जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें!
New Delhi: दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक नया विवाद उठ खड़ा हुआ है। आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पार्टी के पटपड़गंज सीट से उम्मीदवार अवध ओझा की वोटर आईडी अभी तक नहीं बन सकी है और यदि समय पर यह बनकर नहीं आती तो उनका नामांकन फंस सकता है। इस मुद्दे को लेकर केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चुनाव आयोग और बीजेपी दोनों पर निशाना साधा।
क्या चुनाव आयोग चुनाव लड़ने से रोकने की कोशिश कर रहा है?
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी के उम्मीदवार अवध ओझा ने 26 दिसंबर को दिल्ली के वोटर कार्ड के लिए आवेदन किया था और फिर 7 जनवरी को वोटर आईडी को ट्रांसफर करने के लिए एक और आवेदन किया था। लेकिन अभी तक उनकी वोटर आईडी जारी नहीं की गई है। केजरीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली चुनाव आयोग ने पहले वोटर आईडी बनाने की आखिरी तारीख 7 जनवरी तय की थी, जिसे बाद में बदलकर 6 जनवरी कर दिया गया। इस पर उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, "क्या चुनाव आयोग जानबूझकर अवध ओझा को चुनाव लड़ने से रोकने की कोशिश कर रहा है?"
ओझा के नामांकन पर खतरा!
यदि अवध ओझा का वोटर आईडी समय पर नहीं बनता है, तो उनका नामांकन मुश्किल हो सकता है। दरअसल, ओझा का वोटर आईडी पहले ग्रेटर नोएडा का था, और दिल्ली का वोटर कार्ड बनाने के लिए उन्होंने आवेदन किया था, लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है। इस स्थिति में उनका चुनावी रास्ता रुक सकता है, जो कि आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।
जाट आरक्षण पर भी तंज
अरविंद केजरीवाल ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाट आरक्षण के मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को घेरा। उन्होंने कहा कि 2015 में उन्होंने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर जाट समुदाय को ओबीसी की लिस्ट में शामिल करने की मांग की थी, लेकिन आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। केजरीवाल ने सवाल किया, "जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में कब डाला जाएगा?" इस मुद्दे पर उनके द्वारा उठाए गए सवाल बीजेपी सरकार को असहज कर सकते हैं।
आखिरकार क्या होगा अवध ओझा का चुनाव?
दिल्ली विधानसभा चुनाव में अभी कुछ समय बाकी है, लेकिन इस मुद्दे ने चुनावी माहौल को और भी गरमा दिया है। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी और चुनाव आयोग के बीच मिलीभगत हो सकती है ताकि उनके उम्मीदवार अवध ओझा को चुनावी मैदान से बाहर किया जा सके। अब देखने वाली बात यह होगी कि चुनाव आयोग इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या अवध ओझा समय पर अपना नामांकन कर पाते हैं।
यह विवाद चुनावी रणनीतियों और सत्ता संघर्ष को और तेज कर सकता है, जिसमें पार्टी के उम्मीदवारों का भविष्य सवालों के घेरे में आ सकता है।