हमास के सामने झुका इजरायल! जंग खत्म करने का भेजा पैगाम
Israel Hamas War: खाड़ी देशों से अकेले जंग लड़ने वाला इजरायल ने हमास के सामने एक प्रस्ताव रखा है. इस प्रस्ताव में इजरायल ने युद्ध खत्म करने की पेशकश की है. इजरायल का कहना है कि अगर सभी बंधकों को एक साथ रिहा कर दिया जाए, गाजा को निरस्त कर दिया जाए तो सिनवार को जाने दिया जाएगा.
Israel Hamas War: इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को अपने ही लोगों से भारी विरोध का सामना करना पड़ा है जिसके बाद उन्हें हमास के आगे झुकना पड़ा है. इजरायल ने हमास को जंग खत्म करने के लिए एक प्रस्ताव भेजा है. इस प्रस्ताव के जरिए इजरायल गाजा पट्टी में जारी लड़ाई समाप्त करने की पेशकश की है. इजरायल का कहना है कि अगर सभी बंधकों को एक साथ रिहा कर दिया जाए, गाजा को निरस्त कर दिया जाए तो सिनवार को जाने दिया जाएगा.
बता दें कि हाल ही में वाशिंगटन में इस प्रस्ताव पर चर्चा की गई थी. इस दौरान गाजा पट्टी के लिए नई व्यवस्था की भी बात कही गई थी. बंधकों के रिश्तेदारों ने योजना की सराहना भी की थी लेकिन हमास के अधिकारी ने इसे 'हास्यास्पद' बताकर तुरंत खारिज कर दिया.
हमास के साथ जंग खत्म करना चाहता है इजरायल
गौरतलब है कि बीते साल अक्टूबर से इजरायल हमास के बीच जंग जारी है. हालांकि इजरायल इस जंग को अब खत्म करना चाहता है लेकिन इसके लिए कुछ शर्त भी रखा है. इजराइल ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि अगर हमास द्वारा बनाए गए सभी बंधकों को एक साथ रिहा कर दिया जाता है तो गाजा को निरस्त कर दिया जाएगा और सिनवार को जाने दिया जाएगा.
इजराइल ने सभी बंधकों को छोड़ने का रखा प्रस्ताव
टाइम्स ऑफ इजरायल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसराइली सरकार ने अपने प्रस्ताव में गाजा पट्टी में बंधक बनाए सभी बंधकों को एक साथ छोड़ने की शर्त रखी है. इजराइल सरकार का कहना है कि अगर हमास गाजा पट्टी में बंधक बनाए गए 101 बंधकों रिहा कर देता है तो इजराइल जंग खत्म कर देगा. इसके साथ ही इजरायल ने ये भी कहा है कि हमास नेता सिववार को गाजा पट्टी छोड़ने की इजाजत देगा.
हमास ने इजरायल के प्रस्ताव को किया खारिज
इसराइल द्वारा पेश की गई प्रस्ताव को हमास ने खारिज कर दिया है. इस मामले में हमास नेता का कहना है, "सिनवार के बाहर निकलने का प्रस्ताव हास्यास्पद है और कब्जे के दिवालियापन की ओर इशारा करता है. यह 8 महीने की बातचीत के दौरान जो कुछ हुआ, उससे कब्जेदारों के इनकार की तरफ साफतौर पर इशारा करता है. इजराइल के अड़ियल रुख की वजह से बातचीत अटकी हुई है.'