भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार सुबह इतिहास रच दिया. इसरो ने अपने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (SpaDeX) के तहत सैटेलाइट्स की डॉकिंग सफलतापूर्वक पूरी कर ली है. इसके साथ ही अमेरिका, रूस, चीन के बाद भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन गया. यह प्रौद्योगिकी भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं जैसे चंद्रमा पर भारतीय मिशन, चंद्रमा से नमूने वापस लाना, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) का निर्माण और संचालन आदि के लिए जरूरी है.
इसरो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, 'भारत ने अंतरिक्ष इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया है. सुप्रभात भारत, इसरो के स्पेडेक्स मिशन ने ‘डॉकिंग’ में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है. इस क्षण का गवाह बनकर गर्व महसूस हो रहा है.'
इससे पहले 7 और 9 जनवरी को तकनीकी कारणों से इसे टाला गया था. 12 जनवरी को ISRO ने एक परीक्षण किया था,जिसमें उपग्रहों को 3 मीटर की दूरी तक लाया गया था और फिर आगे के विश्लेषण के लिए उन्हें सुरक्षित दूरी पर ले जाया गया था.
पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि इसरो में हमारे वैज्ञानिकों और पूरे अंतरिक्ष समुदाय को सैटेलाइट्स के डॉकिंग के सफल प्रदर्शन के लिए बधाई. यह आने वाले वर्षों में भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
चौथा प्रयास रहा सफल
ISRO ने Spadex मिशन के तहत अंतरिक्ष में दो उपग्रहों को जोड़ने का चौथा प्रयास किया था,जो सफल रहा. वैज्ञानिकों ने डॉकिंग प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. टीम ने पूरी जानकारी का विश्लेषण किया और इस ऑपरेशन की सफलता की पुष्टि की. डेटा की समीक्षा पूरी होने के बाद आधिकारिक घोषणा भी कर दी गई. इसरो ने अपने बयान में कहा कि दो उपग्रहों को जोड़ने के बाद, दोनों को एक ही वस्तु के रूप में नियंत्रित करने में सफलता मिली है. आने वाले दिनों में उपग्रहों को अलग करने और बिजली हस्तांतरण की जांच की जाएगी.
डॉकिंग में समझिए जैसे दो गाड़ियों को आपस में जोड़ दिया जाए,वैसे ही अंतरिक्ष में दो उपग्रहों को जोड़ा गया है. यह बहुत ही मुश्किल काम है,क्योंकि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता और उपग्रह बहुत तेज गति से घूम रहे होते हैं. तकनीकी समस्याओं के कारण 7 और 9 जनवरी को स्थगित होने के बाद,डॉकिंग प्रक्रिया गुरुवार को पूरी हुई.
डॉकिंग विंडो 20 जनवरी को होगी बंद
SpaDeX मिशन के चेज़र सैटेलाइट (SDX01) के पास 4.5 किलोग्राम प्रोपेलेंट मौजूद है, जो दो बार डॉकिंग और अनडॉकिंग के लिए काफी है. हालांकि, वर्तमान ऑपरेशनल विंडो 20 जनवरी को बंद हो जाएगी. इसके बाद अगली उपयुक्त डॉकिंग विंडो 25 मार्च को खुलेगी, जिससे 65 दिनों का अंतराल रहेगा.
SpaDeX मिशन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य स्वचालित रेंडेजवस और डॉकिंग तकनीक को विकसित करना है. यह टेक्निक भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों, जैसे चंद्रमा और उससे आगे के मिशनों के लिए जरूरी होगी. इस मिशन की सफलता से भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने इस उन्नत तकनीक में महारत हासिल की है. वर्तमान में अमेरिका, रूस और चीन इस तकनीक में अग्रणी हैं.
इसरो का अगला लक्ष्य
SpaDeX मिशन की सफलता के बाद इसरो की योजना 2040 तक चंद्रमा की कक्षा में क्रू स्पेस स्टेशन स्थापित करने और 2028 तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से सैंपल-रिटर्न मिशन पूरा करने की है. इसरो की टीम मिशन को लेकर पूरी तरह सतर्क और आश्वस्त है. गहन परीक्षण और सिमुलेशन के साथ, इसरो SpaDeX मिशन की सफलता के लिए तैयार है. विशेषज्ञों और अंतरिक्ष प्रेमियों को मार्च 2025 में इस ऐतिहासिक प्रयास के सफल होने की उम्मीद है. First Updated : Thursday, 16 January 2025