भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से नेविगेशन सैटेलाइट को लॉन्च किया। सोमवार सुबह 10 बजकर 42 मिनट पर इसे लॉन्च किया गया। इसकी लॉन्चिंग जीएसएलवी-एफ12 रॉकेट से की गई। इस रॉकेट की यह 9वीं उड़ान थी। यह सैटेलाइट भारत और मुख्य भूमि के आसपास 1500 किलोमीटर के क्षेत्र में तात्कालिक स्थिति और समय संबंधी सेवाएं प्रदान करेगा।
नेविगेशन सैटेलाइट नाविक एनवीएस-1 को लॉन्च किया गया। ये सैटेलाइट सशस्त्र बलों को मजबूत और नौवहन सेवाओं की निगरानी करने के लिए बनाया गया है। नाविक का इस्तेमाल भूमि, हवाई और समुद्री परिवहन, लोकेशन-आधारित सेवाओं, निजी गतिशीलता, संसाधन निगरानी, वैज्ञानिक अनुसंधान, समय प्रसार और आपात स्थिति में किया जाएगा।
इसरो के अध्यक्ष डॉ एस सोमनाथ ने कहा कि "फिलहाल हम सात पुराने नाविक सैटेलाइट्स के सहारे काम चला रहे थे। लेकिन उनमें से 4 ही काम कर रहे हैं। तीन खराब हो चुके हैं। अगर हम तीनों को बदलते तब तक ये चार भी बेकार हो जाते। इसलिए हमने पांच नेक्स्ट जेनरेशन नाविक सैटेलाइट्स एनवीएस को छोड़ने की तैयारी की।"
इसरो ने स्वदेशी नेविगेशन सैटेलाइट नाविक को विकसित किया। नाविक सात सात सैटेलाइट का एक समूह है। ये अंतरिक्ष में ग्राउंड स्टेशन की तरह काम करेंगा। ये सैन्य बलों के लिए रणनीतिक तौर पर नेविगेशनल सेवाएं प्रदान करेगा। इस सैटेलाइट के साथ इसरो ने पहली बार स्वदेशी रूप से तैयार की रुबिडियम परमाणु घड़ी को भी लॉन्च किया है। First Updated : Monday, 29 May 2023