2025 में अंतरिक्ष की नई ऊंचाइयां छूने को तैयार ISRO; गगनयान, NISAR... ये मिशन होंगे लॉन्च
इसरो का साल 2025 का कैलेंडर कई मिशनों से भरा हुआ है, जिसमें गगनयान मानवरहित उड़ान, निसार उपग्रह प्रक्षेपण, क्वांटम संचार परीक्षण और उन्नत प्रणोदन प्रौद्योगिकियां शामिल हैं.
भारत साल 2025 में अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल करने की तैयारी में है. इस साल ISRO कई प्रमुख मिशन और तकनीकी विकास की ओर बढ़ रहा है. इनमें मानवरहित गगनयान मिशन, उन्नत पृथ्वी अवलोकन सैटेलाइट, और क्वांटम संचार में प्रगति जैसे मिशन शामिल हैं.
गगनयान प्रोग्राम: पहला मानवरहित मिशन
G1 मिशन: गगनयान प्रोग्राम के तहत ISRO अपना पहला मानवरहित मिशन G1 लॉन्च करेगा. इस मिशन में भविष्य के मानव मिशनों के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण प्रणालियों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें ह्यूमनॉइड व्योमित्र और उन्नत C32 क्रायोजेनिक इंजन शामिल हैं.
IDRSS-1 से संचार को मिलेगा बढ़ावा
100% संचार सुनिश्चित: आगामी मिशनों के लिए ISRO भारत डेटा रिले सैटेलाइट सिस्टम (IDRSS-1) लॉन्च करेगा. यह सैटेलाइट पृथ्वी से दूर अंतरिक्ष यान के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने में मददगार रहेगा.
टेस्ट व्हीकल डेमोंस्ट्रेशन 2 (TVD2)
इन-फ्लाइट अबॉर्ट सिस्टम: TVD2 मिशन एक इन-फ्लाइट अबॉर्ट सिस्टम का परीक्षण करेगा, जो आपात स्थितियों में चालक दल को सुरक्षित रूप से लौटाने के लिए डिजाइन किया गया है. इस मिशन में उच्च गति और ऊंचाई पर इस प्रणाली की क्षमताओं को परखा जाएगा.
पृथ्वी अवलोकन सैटेलाइट NISAR
ISRO और NASA मिलकर NISAR नामक अब तक का सबसे शक्तिशाली पृथ्वी अवलोकन सैटेलाइट लॉन्च करेंगे. यह सैटेलाइट पृथ्वी की सतह में होने वाले परिवर्तनों को बेहद सटीकता से ट्रैक करेगा, जैसे बर्फ का पिघलना और प्राकृतिक आपदाएं.
क्वांटम और इलेक्ट्रिक प्रपल्शन तकनीक
TDS01 सैटेलाइट: यह उपग्रह क्वांटम संचार और उन्नत इलेक्ट्रिक प्रपल्शन तकनीकों का प्रदर्शन करेगा. ये नवाचार सैटेलाइट की दक्षता और अंतरिक्ष में सुरक्षित संचार को और अधिक मजबूत बनाएंगे.
2025: नई संभावनाओं का साल
ISRO के साल 2025 के कैलेंडर में कई महत्वपूर्ण मिशन शामिल हैं जो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की सीमाओं को और आगे ले जाएंगे. ये साल भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए नए और रोमांचक रास्ते खोलने के लिए तैयार हैं.