यह एक पुरानी कंपनी की तरह है, जो... UN को लेकर ये क्या बोल गए एस. जयशंकर

Foreign Minister S. Jaishankar: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज दिल्ली में कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को लेकर अहम बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यूएन एक पुरानी कंपनी की तरह है, जो बाजार के साथ तालमेल नहीं बिठा पा रही है, फिर भी अपनी जगह पर कायम है. इसके साथ ही विदेश मंत्री ने एक महत्वपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य संकट के दौरान संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर सवाल भी उठाया.

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Foreign Minister S. Jaishankar: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज यानी रविवार को  दिल्ली में कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में कहा कि संयुक्त राष्ट्र एक 'पुरानी कंपनी' की तरह है, जो बाजार के साथ तालमेल नहीं बिठा पा रही है, फिर भी अपनी जगह पर कायम है.  उन्होंने हाल के वर्षों में यूक्रेन और मिडिल ईस्ट के संघर्षों सहित कई महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों के समाधान में संगठन की घटती प्रासंगिकता पर भी ध्यान दिया. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जयशंकर ने अपने भाषण में कहा, 'संयुक्त राष्ट्र एक पुरानी कंपनी की तरह है, जो बाजार के साथ नहीं चल रही है, लेकिन फिर भी वहां मौजूद है.' उन्होंने यह भी कहा, 'हालांकि संयुक्त राष्ट्र काम करने में कमजोर है, लेकिन यह अभी भी बहुपक्षीय संबंधों का एकमात्र मंच है.  जब यह महत्वपूर्ण मुद्दों पर आगे नहीं बढ़ता, तो देश अपने तरीके खोज लेते हैं.'

'संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर उठाए सवाल' 

विदेश मंत्री ने एक महत्वपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य संकट के दौरान संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर सवाल उठाया.  उन्होंने कहा, 'आप सोचिए, संयुक्त राष्ट्र ने कोविड के मामले में क्या किया? मेरा मानना है कि बहुत कुछ नहीं.'  जयशंकर ने बताया कि देशों ने या तो स्वतंत्र रूप से काम किया या अपने समूह बनाए, जैसे COVAX पहल, जिसका नेतृत्व संयुक्त राष्ट्र के ढांचे के बाहर विभिन्न देशों ने किया था. 

'UN की अक्षमता के बारे में भी जाहिर की चिंता'   

इस बीच उन्होंने यूक्रेन और मिडिल  में चल रहे संघर्षों पर संयुक्त राष्ट्र की अक्षमता के बारे में भी चिंता जताई.  जयशंकर ने पूछा, 'संयुक्त राष्ट्र इन मुद्दों पर कहां है? यह बस एक मूकदर्शक बन गया है?'  भारत लंबे समय से बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार की मांग कर रहा है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विस्तार भी शामिल है, ताकि यह आधुनिक वैश्विक वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से दर्शा सके.  

जयशंकर ने कहा, 'मेरा मानना है कि संयुक्त राष्ट्र अब भी मौजूद रहेगा, लेकिन यह तेजी से एक ऐसा स्थान बनता जा रहा है जो गैर-संयुक्त राष्ट्र का हो, जहां सक्रियता है.'  First Updated : Sunday, 06 October 2024