Jack Dorsey: जैक डोर्सी के आरोपों पर मल्लिकार्जुन खड़गे, सीएम केजरीवाल ने केंद्र को घेरा, सरकार ने दिया ये जवाब
Politics On Jack Dorsey Interview: ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने एक इंटरव्यू में दावा करते हुए कहा कि भारत ने किसान आंदोलन के दौरान सरकार का विरोध करने वाले अकाउंट को बंद करने का दबाव बनाया था। जैक डोर्सी आरोपों को लेकर देश में सियासत तेज हो गई। अब इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है।
Politics On Jack Dorsey Interview: ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में केंद्र की मोदी सरकार कई आरोप लगाए है। इसके बाद देश में राजनीति हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने जैक डोर्सी के दावों को लेकर सरकार को घेरा है। दरअसल, ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने दावा किया है कि भारत ने किसान आंदोलन के दौरान सरकार का विरोध करने वाले अकाउंट को बंद करने का दबाव बनाया था। सरकार ने जैक डार्सी के आरोपों को झूठा बताया है। भारत के आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ट्विटर ने बार-बार भारतीय कानून का उल्लंघन किया है। भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और इसे अधिकार है कि भारत में संचालित होने वाली सभी कंपनियां यहां के कानूनों का पालन करें।
कांग्रेस ने केंद्र पर साधा निशाना
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश को शर्मिंदा करने में बीजेपी अव्वल है। अंग्रेजों की गुलामी से बीजेपी ने केवल तानाशाही की टूलकिट अपनाई है। खड़गे ने ट्वीट कर कहा कि ''किसान आंदोलन को कुचलने के लिए मोदी सरकार ने क्या कुछ नहीं किया। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने अन्नदाता किसानों को आंदोलनजीवी बुलाया। यूपी के मुख्यमंत्री ने किसानों पर विदेशी फंडिंग लेने का आरोप लगाया। बीजेपी के मंत्रियों और नेताओं ने किसानों को नक्सली, आतंकवादी और देशद्रोही बुलाया। कंटीले तार, सीमेंट की दीवारें, रोड पर कीलें बिछाकर उनका रास्ता रोकने की कोशिश की।"
अखिलेश यादव बोले-देश से माफी मांगे सरकार
समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि ''वैश्विक स्तर पर स्वतंत्र अभिव्यक्ति के मंच ट्विटर तक पर जब बीजेपी सरकार दबाव डाल सकती है तो देश के मीडिया का क्या कहना। दुनियाभर में देश की छवि खराब करने के लिए बीजेपी सरकार ‘भारत देश’ से माफी मांगे।"
सीएम केजरीवाल ने दी प्रतिक्रिया
ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के बयान पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी प्रतिक्रिया दी है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि ''अगर देश के अंदर किसान आंदोलन को रोकने की कोशिश की गई तो ये गलत बात है।''
सरकार ने दिया ये जवाब
केंद्र सरकार के आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट कर जैक डोर्सी के आरोपों को झूठा करार दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "यह ट्विटर के इतिहास के उस धुंधले दौर को साफ करने की कोशिश है, जब ट्विटर डोर्सी के कार्यकाल में लगातार भारतीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा था। 2020 से लेकर 2022 तक ट्विटर ने भारतीय कानूनों के मुताबिक काम नहीं किया और जून 2022 से भारतीय कानूनों का पालन शुरू किया।" राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि "किसी को भी जेल नहीं हुई और ना ही ट्विटर को बंद किया गया। डोर्सी के कार्यकाल के दौरान ट्विटर को भारत की संप्रभुता और भारतीय कानूनों को स्वीकार करने में समस्या थी।"
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने आगे कहा कि भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और इसे अधिकार है कि भारत में संचालित होने वाली सभी कंपनियां इसके कानूनों का पालन करें। 2021 में किसान आंदोलन के दौरान कई भ्रामक खबरें चलाई गई थी, जिसमें नरसंहार की बात कहीं गई थी जो कि पूरी तरह से फर्जी थी। सरकार ने ट्विटर को अपने प्लेटफॉर्म से इस तरह की भ्रामक खबरों को हटाने के लिए कहा था, क्योंकि इससे हालात बिगड़ने की संभावना थी। लेकिन ट्विटर को इसे हटाने में परेशानी थी। उन्होंने कहा कि हमने किसी को भी जेल नहीं भेजा और ना ही कोई छापेमारी हुई। हम सिर्फ कानून का पालन चाहते है।
जैक डार्सी ने सरकार पर लगाए आरोप
ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डार्सी ने एक इंटरव्यू में दावा करते हुए कहा कि "भारत सरकार ने उन पर किसान आंदोलन को कवर करने वाले अकाउंट को बंद करने का दबाव बनाया था।" उन्होंने कहा कि इनमें ऐसे अकाउंट थे जो किसान आंदोलन के दौरान सरकार का विरोध कर रहे थे। सरकार ने उन्हें ब्लॉक करने के लिए कहा था। इतना ही नहीं भारत में ट्विटर को बंद करने की धमकी भी दी गई थी।
अनुराग ठाकुर ने किया पलटवार
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि जैक डोर्सी सफेद झूठ बोल रहे है। अनुराग ठाकुर ने ट्वीट कर कहा कि ‘‘भारत दुनिया का सबसे बड़ा और पारदर्शी लोकतंत्र है। भारत में जब भी चुनाव नजदीक होते हैं तो कुछ विदेशी ताकतें और यहां उनके एजेंट एक योजनाबद्ध तरीके से देश को अस्थिर और बदनाम करने के लिए सक्रिय होते हैं।’’