सोने की चमक, इटालियन मार्बल... जगन मोहन रेड्डी का आलीशान महल, शाही ठाठ देख चौंक जाएंगे!
विशाखापत्तनम के रुषिकोंडा हिल पर बने जगन मोहन रेड्डी के भव्य महल की तुलना दिल्ली के 'शीशमहल' से हो रही है, जिस पर राजनीतिक विवाद तेज हो गया है. ये महल 10 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें इटालियन मार्बल, सोने की सजावट, हाई-एंड बाथटब्स, आधुनिक ड्रेनेज सिस्टम और 100 केवी पावर सबस्टेशन जैसी सुविधाएं मौजूद हैं.

आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी का भव्य महल इन दिनों चर्चा में बना हुआ है. विशाखापत्तनम के रुषिकोंडा हिल पर समुद्र किनारे स्थित इस आलीशान महल की तुलना दिल्ली के 'शीशमहल' से की जा रही है. जहां एक ओर विपक्ष इसे सरकारी धन का दुरुपयोग बता रहा है, वहीं सरकार इस इमारत के उपयोग को लेकर असमंजस में है. सीएम चंद्रबाबू नायडू ने जनता से सुझाव मांगे हैं कि इस महल का कैसे उपयोग किया जाए.
भव्य महल की अनूठी विशेषताएं
विशाखापत्तनम के रुषिकोंडा में स्थित ये महल 4 बड़े ब्लॉक्स में फैला हुआ है और इसका क्षेत्रफल करीब 10 एकड़ में फैला हुआ है. इस इमारत में बेहतरीन इंटीरियर डिजाइन के साथ-साथ आधुनिकतम सुविधाएं मौजूद हैं. महल की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:-
- सोने की सजावट और इटालियन मार्बल की फर्श
- शानदार फर्नीचर और झिलमिलाते झूमर
- हाई-एंड बाथटब्स और लक्ज़री बाथरूम सेटअप
- पक्की सड़कें और अत्याधुनिक ड्रेनेज सिस्टम
- बड़े पैमाने पर जल आपूर्ति की सुविधा
- 100 केवी पावर सबस्टेशन की स्थापना
सरकार और विपक्ष आमने-सामने
दिल्ली की तरह आंध्र प्रदेश में भी ये भवन विवादों में घिर गया है. जहां दिल्ली के शीशमहल को लेकर खूब राजनीतिक बयानबाजी हुई, वहीं अब आंध्र प्रदेश में इस आलीशान महल को लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं. विपक्ष का आरोप है कि इस भवन को बनाने के लिए रुषिकोंडा हिल का एक बड़ा हिस्सा नष्ट कर दिया गया.
सीएम चंद्रबाबू नायडू ने इस इमारत के भविष्य को लेकर जनता से सुझाव मांगे हैं. उन्होंने कहा कि ये एक केस स्टडी है कि कैसे पूर्व मुख्यमंत्री ने अदालतों को धोखा दिया, पर्यावरण का उल्लंघन किया और सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया ताकि वो ऐश्वर्यपूर्ण जीवन जी सकें. क्या हमें वाकई में ऐसे नेताओं की जरूरत है?
आगे क्या होगा इस महल का?
सीएम नायडू ने कहा कि अब तक मुझे ये नहीं पता कि इन इमारतों का उपयोग कैसे किया जाए और इन्हें सरकार के लिए राजस्व उत्पन्न करने का तरीका क्या हो सकता है. ये संरचनाएं पर्यटन विभाग के लिए व्यवहार्य नहीं हैं. एक फैसला जल्द लिया जाएगा. सरकार इस इमारत को पर्यटन स्थल के रूप में खोलने या किसी सरकारी संस्थान के रूप में उपयोग करने पर विचार कर रही है. अब देखना ये होगा कि इस 'शीशमहल' का भविष्य क्या होगा और क्या ये जनता के लिए खोला जाएगा या फिर किसी अन्य सरकारी उपयोग में लाया जाएगा.