मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे जगन रेड्डी पर ED ने कसा शिकंजा, कुल 800 करोड़ की संपत्ति जब्त
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके वाईएस जगन मोहन रेड्डी एक बार फिर से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रडार पर आ गए हैं. ED ने उनके खिलाफ 14 साल पुराने मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई की है.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके वाईएस जगन मोहन रेड्डी एक बार फिर से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रडार पर आ गए हैं. ED ने जगन मोहन रेड्डी की 27.5 करोड़ की शेयर और डेलमिया सीमेंट कंपनी की 377.2 करोड़ की जमीन को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है. डेलमिया सीमेंट्स का दावा है कि कुल जब्त संपत्ति की कीमत करीब 800 करोड़ रुपये है. ये कार्रवाई पुराने मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत की गई है, जिसमें कंपनियों से अवैध निवेश हासिल करने का आरोप है.
क्या है आरोप
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने 14 साल पुराने एक सीबीआई केस के तहत डेलमिया सीमेंट्स (DCBL) की 377.2 करोड़ रुपये की जमीन और 27.5 करोड़ रुपये के शेयर को अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है. आरोप है कि जगन ने अपने पिता और तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के प्रभाव का दुरुपयोग कर निजी कंपनियों को सरकारी लाभ दिलवाए और बदले में निवेश प्राप्त किया.
ED ने जारी किया था अटैचमेंट ऑर्डर
ईडी और सीबीआई के मुताबिक, DCBL ने रघुराम सीमेंट्स लिमिटेड में 95 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जिसके बदले में जगन ने कडपा जिले में 407 हेक्टेयर भूमि की माइनिंग लीज DCBL को दिलवाई. इसके साथ ही, रघुराम सीमेंट्स लिमिटेड के शेयर एक फ्रांसीसी कंपनी को बेचे गए और इसके बदले हवाला के जरिए जगन को 55 करोड़ रुपये नकद मिले. इस मामले में ईडी ने 31 मार्च को अटैचमेंट ऑर्डर जारी किया था, जो DCBL को 15 अप्रैल, 2025 को प्राप्त हुआ.


