Manipur Violence: “मैं 45 सालों से शादीशुदा हूं, गुस्सा नहीं करता” संसद के अंदर ऐसा क्यों बोले जगदीप धनखड़?
Manipur Violence: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच मणिपुर को लेकर तीखी नोंकझोंक हुई. हालांकि इस दौरान जगदीप धनखड़ मजाकिया लहजे में भी बोलते नजर आए.
हाइलाइट
- सभापति और मल्लिकार्जुन खरगे के बीच हुई नोकझोंक
- खरगे ने सभापति पर पीएम का बचाव करने का आरोप लगाया
- सभापति ने कहा, पीएम की वैश्विक पहचान है
Manipur Violence: मानसून सत्र (Monsoon Session) के पहले दिन से ही मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में जारी बवाल रकने का नाम नहीं ले रहा है. विपक्ष लगातार नियम 267 के तहत चर्चा की मांग कर रहा है. वहीं सरकार विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कह रही है कि विपक्षी दल खुद इस मामले पर चर्चा करना नहीं चाहते हैं.
अब राज्यसभा में एक बार फिर इस मुद्दे पर तीखी बहस देखने को मिली. दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच मणिपुर को लेकर तीखी नोंकझोंक हुई. हालांकि इस दौरान जगदीप धनखड़ मजाकिया लहजे में भी बोलते नजर आए.
'हमें गुस्सा करने का अधिकार नहीं'
नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद मणिपुर के मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा की मांग कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने का कि इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए. जब खरगे ने सभापति से कहा कल शायद आप गुस्सा हो गए थे. इस पर धनखड़ ने मजाकिया लहजे में कहा कि मैं 45 सालों से शादीशुदा हूं, गुस्सा नहीं करता. वकील के तौर पर भी हमें गुस्सा करने का अधिकार नहीं है.
पीएम की वैश्विक पहचान है- सभापति धनखड़
इस दौरान जगदीप धनखड़ को जवाब देते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, आप भले जाहिर ना करें लेकिन अंदर से गुस्सा करते हैं. इसके बाद खरगे ने आरोप लगाते हुए कहा कि आप पीएम का बचाव कर रहे हैं. धनखड़ ने जवाब देते हुए कहा, पीएम को किसी बचाव की जरूरत नहीं है. उनकी वैश्विक पहचान है. सोचिए कि अमेरिकी सांसद में उनका संबोधन सुनकर देश के आम लोगों को कितना गर्व होता है. तीस सालों बाद पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है.
संसद के दोनों सदनों में हंगामा
संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हुआ था, जिसके बाद से ही सदन के दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा बयान देने की मांग को लेकर विपक्ष संसद और संसद के बाहर हंंगामा कर रहा था. साथ ही विपक्ष की मांग है कि पूरे दिन के मुद्दों को किनारे रख रूल 267 के तहत सरकार चर्चा के लिए तैयार हो.
मणिपुर में करीब पिछले तीन महीने जमकर हिंसा हुई. जिसमें करीब 150 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं हजारों लोग राहत शिविरों में हैं.